बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के जीवन परिचय के विषय में विस्तार से जानकारियां देते हुए भारतीय संविधान में उनकी अतुलनीय योगदान के विषय में भी बताया।

06 जनवरी, 2020सगीर अमान उल्लाह जिला ब्यूरो बाराबंकी

 बाराबंकी जनपद न्यायाधीश श्री राम अचल यादव के निर्देशन में दिनांक-06.01.2020 को मुख्यालय स्तर पर ए0डी0आर0 भवन दीवानी न्यायालय में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बाराबंकी द्वारा संविधान एवं समरसता दिवस के परिपेक्ष्य में लोगो को जागरूक बनाने के लिए साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया एवं संविधान की शपथ एवं संगोष्ठियों का आयोजन किया गया।

शिविर में सचिव नन्द कुमार, नोडल अधिकारी समरसता दिवस विपिन कुमार सिंह, पैनल अधिवक्ता कुरैशा खातून, आफाक आलम, सिकन्दर जहां कादरी, सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव संगीत पाठक, अमरेन्द्र पाठक, दिलीप कुमार, पुष्पेन्द्र कुमार, शरद उपाध्याय, लव त्रिपाठी, संतोष कुमार शर्मा, विजेन्द्र कुमार, शिव सिंह, अरविन्द कुमार, कुलदीप, सुनील कुमार, प्रदीप तिवारी, दिनेश चन्द्र शर्मा, कु0 रंजना, दौलता कुमारी, सर्वेश कुमार, नीशू, जेल विजिटर अधिवक्तागण, पैनल अधिवक्तागण, कार्यालय से लवकुश कनौजिया, सौरभ शुक्ला, मो0 सलमान, गंगाराम वर्मा, मोहित वर्मा, मोहित कुमार, प्रदीप कुमार, शिवराम, आशीष कुमार के अतिरिक्त अन्य जनसामान्य के लोग उपस्थित रहे।

सचिव नन्द कुमार द्वारा बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के जीवन परिचय के विषय में विस्तार से जानकारियां देते हुए भारतीय संविधान में उनकी अतुलनीय योगदान के विषय में भी बताया। इस अवसर पर संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों एवं उनमें निहित भावना को भी बताया गया। सचिव द्वारा बताया गया कि बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर भारतीय संविधान के न सिर्फ निर्माता थे अपितु उसके कट्टर समर्थक भी थे। बाबा साहब ने अपने जीवन को भी संविधान की भावना के तहत व्यतीत किया। व्यक्तिगगत जीवन में तमाम कठिनाईयां भी उनको उनके कर्तव्य पथ से हटा नहीं पाईं। एक एक कर उनके पुत्रों का असामयिक निधन, लोगों का उपेक्षापूर्ण रवैया, सामाजिक कट्टरता, दुर्भावना को सहते हुए उन्होनें एक ऐसी संविधान का निर्माण किया जो सभी के लिए समानता और न्याय की बात कहता है। यदि हम अपने जीवन में संविधान में उल्लिखित बातों का पालन अपने जीवन में करें तो हम एक एैसे भारवतर्ष का निर्माण कर सकते हैं जिसमें छुआछूत, धार्मिक विभेद, असमानता, अनीति के लिए कोई स्थान नहीं रहेगा। सामाजिक न्याय के सच्चे प्रहरी के रूप में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने न सिर्फ समाज के वंचितों की लड़ाई अपितु उनका मानना था कि यदि सम्पूर्ण भारतवर्ष का विकास होगा तो सभी के समग्र प्रयास एवं समग्र विचारधारा से होगा।

पैनल अधिवक्ता कुरैशा खातून द्वारा बताया गया कि हम सभी को अपनी राष्ट्र की सम्पत्ति को अपनी सम्पत्ति समझते हुए उसकी रक्षा करनी चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज, पुरानी इमारतों, राष्ट्रगान इत्यादि का सम्मान करना चाहिए।

समरसता दिवस के नोडल अधिकारी विपिन कुमार सिंह द्वारा संगोष्ठी में उपस्थित सभी लोगों को संविधान की शपथ दिलाते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन सौरभ शुक्र्ला कार्यालय लिपिक द्वारा किया गया। लवकुश कनौजिया द्वारा जिला कारागार बाराबंकी में भी पुलिसकर्मियों एवं जेल में निरूद्ध बंदियों के साथ कार्यक्रम आयोजित कर सभी को संविधान की शपथ दिलाई गई।

इस अवसर पर अन्य उपस्थित व्यक्तियों द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किये गये। विधिक साक्षरता कार्यक्रम में दिये गये विचारों से स्थानीय लोग लाभान्वित हुए और उनके द्वारा पुनः ऐसे कार्यक्रमों को आयोजित करने की अपेक्षा की गई।सगीर अमान उल्लाह जिला ब्यूरो बाराबंकी 

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