अमेरिका को जान लेना चाहिये कि वह परमाणु समझौते का सदस्य नहीं हैः ईरान

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विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका को राजनीतिक फैसला लेने की ज़रूरत है, वह इस बात का फैसला करे कि उसे ट्रंप की विफल नीतियों को जारी रखना है या पारदर्शिता के साथ परमाणु समझौते में अपने वचनों की ओर लौट आयेग। विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता सईद ख़तीबज़ादे ने आज साप्ताहिक प्रेस कांफ्रेन्स में हालिया परिवर्तनों के बारे में पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर दिये। जब एक पत्रकार ने उनसे कहा कि इस्राईल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने अभी हाल ही में कहा है कि ईरान इस्राईल के अस्तित्व के लिए ख़तरा है और अपनी सुरक्षा के लिए इस्राईल जो भी ज़रूरी समझेगा उसे अंजाम देगा तो इस पर उन्होंने कहा कि जायोनी शासन खुद विनाशकारी है और वह खुद ही अपने अस्तित्व के लिए खतरा है और उसकी नीतियों का आधार अतिग्रहण और हत्या है और वह अपनी सीमा से अवगत है और इससे पहले उसे जवाब मिल चुका है।

जब एक पत्रकार ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार साल्वेन के उस बयान को पेश किया जिसमें उन्होंने कहा है कि ईरान ने परमाणु समझौते में वापसी हेतु अपने रुझान का अभी परिचय नहीं दिया है और अगर वह परमाणु समझौते में वापस आ जाता है तो हम भी वापस आ जायेंगे तो इस पर सईद खतीबज़ादे ने कहा कि अमेरिका को जान लेना चाहिये कि वह परमाणु समझौते का सदस्य नहीं है और इस समझौते के दूसरे सदस्य देशों से कोई आह्वान नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि सबसे पहले अमेरिका को चाहिये कि वह साबित करे कि अपनी बातों में सच्चा है और अमेरिकी अधिकारियों को उन प्रतिबंधों को समाप्त करना चाहिये जो इससे पहली वाली सरकारों ने ईरान के खिलाफ लगाये हैं। इसी प्रकार विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमने जो चीज़ अमेरिका की वर्तमान सरकार से देखा है वह यह है कि वह अपने एलान के विपरीत अमल कर रही है। उन्होंने कहा कि परमाणु समझौते में वापसी के लिए अमेरिका का रास्ता स्पष्ट है और उसे यह बात स्वीकार करनी चाहिये कि परमाणु समझौते के संबंध में जो वर्तमान हालात हैं उसके लिए अमेरिका ज़िम्मेदार है और जैसे वह परमाणु समझौते से निकला है वैसे ही वापस आ जाये।

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