सुना है मुझसे मिलना चाहता है। तो क्या पत्थर पिघलना चाहता है।
अख़्तर जलील "अख़्तर" ललितपुर/उरई (उ0प्र0) 9454958283/9026943293
सुना है मुझसे मिलना चाहता है।
तो क्या पत्थर पिघलना चाहता है।
हवा का रुख़ बदलना चाहता है।
दिया आँधी में जलना चाहता है।
मेरे आँसू समुन्दर हो रहे हैं,
कोई आँखों से बहना चाहता है।
समर आने लगे हैं आँसुओं के,
शजर आँखों का फलना चाहता है।
बदलना चाहिये था ख़ुद को पहले,
वो आईना बदलना चाहता है।
कोई उर्दू के लफ़्ज़ों को पहनकर,
मेरी ग़ज़लों में ढलना चाहता है।
कोई झूठी तसल्ली दे दे आकर,
ये दिल कब से बहलना चाहता है।
वो गिरता है संभल जाता है अख़्तर,
मुझे लगता है चलना चाहता है।
अख़्तर जलील “अख़्तर”ललितपुर/उरई (उ0प्र0) 9454958283/9026943293