अस्मिता की रक्षा के लिए बलिदान हुए बिरसा मुंडा
सुहेल अंसारी संवाददाता नगर बाराबंकी एसएम न्यूज़24टाइम्स 8081991270
अभाविप ने जयंती पर आयोजित की संगोष्ठी
बाराबंकी। बिरसा मुंडा ने अंग्रेजी हुकूमत की जमीदारी प्रथा के खिलाफ लड़ाई के साथ-साथ सूदखोर महाजनों के खिलाफ भी जंग का एलान किया था। बिरसा का यह विद्रोह आदिवासी अस्मिता, स्वायतत्ता और संस्कृति को बचाने के लिए संग्राम था, जिसके लिए उन्होंने बलिदान दिया। उक्त बात अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभाग संगठन मंत्री अनुज श्रीवास्तव ने सोमवार को सत्यप्रेमी नगर स्थित वारिस चिल्ड्रेन्स एकेडेमी इंटर कॉलेज में आयोजित बिरसा मुंडा जयंती पर व्यक्त किये। उन्होंने आगे कहा कि मात्र 25 वर्ष की उम्र में प्राणों की आहुति देने वाले बिरसा देश के करोड़ो युवाओं के लिए प्रेणनास्रोत हैं। विद्यालय के प्रबंधक विजय आनंद बाजपेई ने भारत सरकार द्वारा बिरसा की जयंती को राष्ट्रीय आदिवासी गौरव दिवस मनाने के निर्णय को सराहनीय बताया। उन्होने कहा कि कहा कि अंग्रेजों के अत्याचार के विरुद्ध बिरसा मुंडा के महाविद्रोह और उनके बलिदान ने उन्हें आदिवासी समाज मे ‘भगवान‘ का दर्जा दिया। इसके पूर्व बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। संचालन आदित्य यादव ने किया। इस अवसर पर रघुवर दयाल द्विवेदी, आरके सोनी, सुधा वर्मा, सतीश पांडेय, हरेंद्र सिंह, संजय, अशोक कुमार, अभाविप नगर विस्तारक अमन, शुभम द्विवेदी, रोमित कपाड़िया सहित काफी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।
सुहेल अंसारी संवाददाता नगर बाराबंकी एसएम न्यूज़24टाइम्स 8081991270