साबरमती आश्रम समता का प्रतीक : रघु ठाकुर

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489

बाराबंकी। साबरमती आश्रम हिन्दुस्तान की मूल सभ्यता का केन्द्र है। साबरमती आश्रम समता का प्रतीक है। साबरमती आश्रम उन मूल्यों का पर्याय है जिन मूल्यों को लेकर बापू जिए। वह कहते भी थे मेरा जीवन ही मेरा संदेष है। जो मूल्य बापू ने पूरी दुनिया को दिए हैं उन मूल्यों का बीज केन्द्र का प्रतीक साबरमती आश्रम है। साबरमती आश्रम में गांधी जी की कुल पूंजी सात सामान है, जिनमें दरी, गददा, चादर, तकिया, बिछाई, लकड़ी की छोटी सी मेज शामिल है। यह बात गांधी भवन में अहमदाबाद के साबरमती आश्रम परिसर के वास्तविक स्वरूप को परिवर्तित करने के विरोध में गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट और बुंदेलखण्ड सर्वदलीय नागरिक संघर्ष मोर्चा के संयुक्त तत्ववाधान में आयोजित जन सत्याग्रह के दौरान प्रख्यात गांधीवादी रघु ठाकुर ने कही। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की है कि वह अपने कदम पीछे ले और राष्ट्रीय धरोहर में छेड़छाड़ करने तथा उनका वास्तविक स्वरूप बदलने का प्रयास न करे। उन्होंने कहा कि वैष्विक पुरातत्व धरोहर में भी साबरमती आश्रम में शामिल किया जाए। इस संकल्प के साथ गांधी भवन से पटेल तिराहा तक जन जागरण पदयात्रा निकाली गई और संकल्प लिया गया कि स्वतंत्रता आन्दोलन की विरासत और बापू की धरोहरों के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। गांधीवादी राजनाथ शर्मा ने कहा कि आजादी की हीरक जयन्ती पर सरकार बापू की जुड़ी स्मृतियों को नष्ट कर उनके विचारों की हत्या करना चाहती है। अमृतसर के जलियांवाला बाग को र्प्यटन स्थल में तब्दील कर वहां का प्रेरणात्मक वातावरण को खत्म किया गया है, उसी की तर्ज पर साबरमती आश्रम को बर्बाद करने की दिषा में कदम बढ़ाया जा रहा है। गुजरात सरकार आश्रम को व्यवसायिक स्वरूप देकर बापू के त्याग, बलिदान और तपस्या के साथ जन भावना का भी अनादर कर रही है। फतेहपुर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष यादवेन्द्र प्रताप सिंह यादव ने कहा कि पुरानी धरोहर खत्म हो जाएगी तो मुल्क की पहचान खत्म हो जाएगी। गुजरातियों की प्रवृति है व्यवसाय करना। भाजपा व्यवसायिक पार्टी बन कर रह गई है। जो सरकारी सम्पत्तियों को उद्योगपतियों के हाथ बेच रही है। समाजवादी नेता उमानाथ यादव ‘सोनू’ ने कहा कि साबरमती आश्रम देश ही नहीं बल्कि दुनिया की एतिहासिक धरोहर है। जिसके मूल स्वरूप को बदलकर र्प्यटन स्थल बनाना बाजार केन्द्रित व्यवस्था का परिचायक है। सभा का संचालन पाटेष्वरी प्रसाद ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से समाजसेवी अशोक शुक्ला, विनय कुमार सिंह, श्याम सुंदर यादव, मृत्युंजय शर्मा, हुमायूं नईम खान, सलाउद्दीन किदवई, वीरेन्द्र सिंह, सत्यवान वर्मा, भागीरथ गौतम, अमिताभ यादव, सरदार राजा सिंह, अश्वनी शर्मा, तरूण मिश्र, अनिल यादव, अशोक जायसवाल, मनीष सिंह, तौफीक अहमद, मनोज पाठक, पी.के सिंह, रंजय शर्मा, षिव नारायण गौतम सहित कई लोग मौजूद रहे।

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489

 

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