गांधी और कृपलानी ने चरखे के साथ भारत का सुनहरा अतीत भी निकाला : राजनाथ षर्मा

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489

श्री गांधी आश्रम शताब्दी के समापन समारोह में बोले संयोजक

बाराबंकी। गांधी और कृपलानी ने चरखे के साथ भारत का सुनहरा अतीत भी निकाला। उन्होंने खादी को आम जनमानस से जोड़ा और उनके स्वाभिमान और आत्मनिर्भर होने की ओर अग्रसर किया। लेकिन उसी ताने बाने को पकड़कर राजनीतिक कार्यकर्ता नहीं चले। जिस कारण अब आमजन को खादी एक विचार नहीं बल्कि चुनावी राजनीति का हिस्सा लगती है। यह बात गांधी भवन में श्री गांधी आश्रम शताब्दी के समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे आत्मनिर्भर भारत यात्रा के संयोजक राजनाथ शर्मा ने कही। इस दौरान महात्मा गांधी, आचार्य जे.बी कृपलानी और डॉ राममनोहर लोहिया के चित्र पर मार्ल्यापण उन्हें नमन किया गया। श्री शर्मा ने आगे कहा कि महात्मा गांधी के विचारों को आत्मसात करने वाला अब कोई नहीं रहा। खादी ग्रामाद्योग और गांधी संस्थाओं से जुड़े लोग भी खादी ही नहीं पहनते है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक शताब्दी के भीतर ही गांधी, कृपलानी और खादी मायने बदल गए। कभी गांव गांव, घर घर गांधी जी का चरखा चलता था। जनता में गांधी पहुंच गए थे। लेकिन गांधी की हत्या के बाद अब खादी की हत्या भी जारी है। श्री शर्मा ने बताया कि 30 नवम्बर 1920 को आचार्य जे.बी. कृपलानी ने बनारस में गांधी आश्रम की स्थापना करके लाखों लोगों को रोजगार की ओर मोड़ा था। उनके द्वारा उठाया गया कदम देष के विकास और तरक्की का मील का पत्थर साबित हुआ। इस शताब्दी गांधी और कृपलानी ही नहीं बल्कि खादी, स्वदेषी और स्ववलम्बन के विचारों को आत्मसात करने की आवष्यकता है। इस मौके पर वीरेन्द्र सिंह, हुमायूं नईम खान, विनय कुमार सिंह, मनीष खेतान, मृत्युंजय शर्मा, साकेत मौर्या, पाटेष्वरी प्रसाद, सत्यवान वर्मा, पी.के सिंह, अशोक जायसवाल, अजीज अहमद, मनोज पाठक, मनीष सिंह, मो. तौफीक अहमद, अनिल यादव आदि मौजूद रहे।

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