राहुल गांधी की सहमति के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गौतम अडानी की कंपनी को 6500 बीघा भूमि दी।
जैसलमेर में सोलर पार्क के लिए भूमि आवंटन में भी अनेक रियायतें। 2 हजार 700 करोड़ रुपए का भुगतान अडाणी की बिजली कंपनी को करने के लिए राजस्थान के उपभोक्ताओं से प्रतिमाह वसूली हो रही है।
12 दिसंबर को जयपुर में कांग्रेस की राष्ट्रीय रैली में भी राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियां अपने दो उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाने वाली होती है। राहुल गांधी का इशारा हमेशा रिलायंस के मुकेश अंबानी और अडानी समूह के गौतम अडानी की ओर होता है। राहुल कई बार इन दोनों उद्योगपतियों के नाम भी लेते हैं। किसान आंदोलन के दौरान भी राहुल गांधी ने कई बार कहा कि अंबानी और अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए ही तीन कृषि कानून बनाए गए हैं। लेकिन राहुल गांधी की जयपुर रैली के चौथे दिन ही 15 दिसंबर को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कैबिनेट की बैठक बुलाई और गौतम अडानी के मालिकाना हक वाली अडाणी रिन्यूबल एनर्जी को जैसलमेर में 1600 हेक्टेयर यानी करीब 6 हजार 500 बीघा भूमि आवंटित करने का निर्णय ले लिया। इस भूमि पर अडाणी की कंपनी 1500 मेगावट की क्षमता वाला सोलर पार्क विकसित करेगी। देश के सबसे अमीर उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी को सोलर प्लांट लगाने में कोई नुकसान न हो, इसका ख्याल भी अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने रखा है। असल में मंत्रियों की कैबिनेट की बैठक में निर्णय लेने से पहले गहलोत ने मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया। इस कमेटी ने भूमि सुरक्षा राशि पांच लाख रुपए प्रति मेगावाट के बजाए एक लाख रुपए करने की सिफारिश की। यानी अडाणी रिन्यूबल एनर्जी को अब 485 करोड़ रुपए के बजाए 97 करोड़ रुपए ही सुरक्षा राशि की बैंक गारंटी देनी होगी। इसी प्रकार उपकरण खरीद में जीएसटी की राशि के 75 प्रतिशत हिस्से की भरपाई राज्य सरकार करेगी। इतना ही नहीं यदि इस प्रोजेक्ट को अन्य कंपनी को हस्तांतरित किया जाता है तो लीज शुल्क 150 प्रतिशत के बजाए 100 प्रतिशत ही लगेगा। इस उच्च स्तरीय कमेटी में शामिल सीनियर आईएएस नरेश पाल गंगवार का कहना है कि अडाणी समूह का यह बड़ा प्रोजेक्ट है, इसलिए रियायत देने की सिफारिश की गई है। इस कमेटी की रिपोर्ट पर अडाणी को 6500 बीघा भूमि आवंटित की गई है। सब जानते हैं कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत गांधी परिवार के वफादार हैं। गहलोत ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिससे गांधी परिवार का कोई सदस्य खासकर राहुल गांधी नाराज हों। सूत्रों की माने तो अडाणी को इतनी बड़ी भूमि अनेक रियायतों के साथ आवंटित करने से पहले राहुल गांधी की सहमति ली गई है। भले ही राहुल गांधी प्रधानमंत्री की आलोचना करने के लिए अडाणी को आगे रखें, लेकिन अशोक गहलोत जैसे मुख्यमंत्री जानते हैं कि प्रदेश देश का विकास अंबानी और अडानी जैसे बड़े उद्योगपति ही कर सकते हैं। जब अडाणी की कंपनी सूर्य की किरणों से बिजली का उत्पादन करेगी तो इसका फायदा राजस्थान को भी मिलेगा। यह आरोप झूठा और तथ्यहीन होगा कि अडाणी को 6500 बीघा भूमि आवंटित करने से पहले अशोक गहलोत ने कोई फायदा उठाया है। अडाणी, अंबानी और मोदी के बारे में राहुल गांधी कुछ भी कहें, लेकिन अशोक गहलोत की सहानुभूति गौतम अडानी के साथ है। प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त सरचार्ज लगा कर अडाणी की अडाणी पावर राजस्थान लिमिटेड को 2 हजार 760 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा रहा है। शर्तों के मुताबिक अडानी के पावर प्लांट को कोयले की आपूर्ति राजस्थान सरकार को करनी थी, लेकिन सरकार कोयला उपलब्ध करवाने में असमर्थ रही। ऐसे में अडानी की कंपनी को इंडोनेशिया से महंगा कोयला मंगवाना पड़ा। इंडोनेशिया से मंगाए गए कोयले की दर में जो अंतर आया उसका भुगतान भी राज्य सरकार कर रही है। राहुल गांधी को अब अडाणी की आड़ लेकर मोदी की आलोचना करने से पहले कांग्रेस शासित राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात कर लेनी चाहिए। मोदी यदि अडानी को फायदा पहुंचाने वाले निर्णय लेते हैं तो यह आरोप अशोक गहलोत पर भी लगता है। राहुल गांधी बताएं कि क्या अशोक गहलोत की सरकार भी अडाणी को लाभ पहुंचाने वाले निर्णय ले रही है?