3 चुनावी राज्यों में किसान आंदोलन तेज करेगा संयुक्त किसान मोर्चा,

आशिष सिंह संवाददाता की रिपोर्ट एसएम न्यूज़24टाइम्स लखनऊ उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश-फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत कई अन्य मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने अपना आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है। दिल्ली में आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा समन्वय समिति की अहम बैठक के बाद प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान किसान नेता डा. दर्शन पाल ने मांगों को लेकर आंदोलन और तेज करने का ऐलान किया है। इसके तहत छोटी-छोटी बैठकें भी की जाएंगी और सरकार की गलत नीतियों के बारे में बताया जाएगा। केंद्र सरकार ने जो वादे पूरे नहीं किए उसके बारे में जनता के बीच प्रचार किया जाएगा। लखीमपुर खीरी मामले को भी उठाया जाएगा। अभी तक आरोपित केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बने हुए हैं, जबकि उन्हें बर्खास्त करने की मांग किसान संगठनों की ओर से उठी थी।संयुक्त किसान मोर्चा की पत्रकार वार्ता के दौरान किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि 5 बिंदु पर सहमति बनी थी और उसी आधार पर हमने आंदोलन को स्थगित किया था। किसान नेता ने कहा कि एमएसपी पर कानून को लेकर समिति बनाने, किसानों पर मुकदमें को वापस लेने, पराली पर जुर्माने के प्रविधान पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। केंद्र सरकार द्वारा वादाखिलाफी, इसलिए 31 जनवरी को विश्वासघात दिवस मनाया गया था। वहीं, दिसंबर को सरकार की चिट्ठी के आधार पर आंदोलन वापस लिया था। अब किसान विरोधी सरकार के खिलाफ चुनाव में निर्णय लिया गया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश क्षेत्र की मीटिंग की थी, जिसमें 41 संगठन के लोग हाजिर थे। उसमें 57 संगठन को शामिल होना था। बैठक में तय हुआ कि पर्चा छापकर गांव गांव बांटा जाएगा। वहीं अन्य किसान नेता ने कहा कि किसान आंदोलन व लखीमपुर खीरी घटना से भाजपा का ग्राफ गिरा है। ऐसे में पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में किसान आंदोलन और तेज करेंगे।

आशिष सिंह संवाददाता की रिपोर्ट एसएम न्यूज़24टाइम्स लखनऊ उत्तर प्रदेश

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