अगर कांग्रेस ना होती तो इमरजेंसी का कलंक, सिखों का नरसंहार ना होता- प्रधानमंत्री मोदी
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संसद के बजट सत्र की कार्यवाही आज भी जारी है। संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा में चर्चा की जाएगी। पीएम नरेन्द्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दे रहे हैं।कांग्रेस जब सत्ता में रही, देश का विकास नहीं होने दिया। अब विपक्ष में है तो देश के विकास में बाधा डाल रही है। कांग्रेस को नेशन पर भी आपत्ति है। यदि नेशन इसकी कल्पना गैर संवैधानिक है तो आपकी पार्टी का नाम इंडियन नेशनल कांग्रेस क्यों रखा गया? नाम बदलकर आपको फेडरेशन आफ कांग्रेस करना चाहिए। कांग्रेस को अपने पूर्वजों की गलती को सुधारना चाहिए।पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी की इच्छा के अनुसार, अगर कांग्रेस ना होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता। भारत विदेशी चश्मे के बजाय स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता। इमरजेंसी का कलंक ना होता। अगर कांग्रेस ना होती तो दशकों तक भष्टाचार को संस्थागत बनाकर नहीं रखा जाता। कांग्रेस ना होती तो जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी ना होती। सिखों का नरसंहार ना होता। सालों-साल पंजाब आतंकी आग में ना जलता। कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत नहीं आती। कांग्रेस ना होती तो बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं ना होती। देश के सामान्य इंसान को घर, सड़क, बिजली, पानी शौचालय मूल सुविधाओं के लिए इतने सालों तक इंतजार करना नहीं पड़ता।जब हमने कोविड पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई और केंद्र सरकार एक प्रस्तुति देने के लिए तैयार थी, तो कई दल नहीं आए। पार्टियां राष्ट्रीय स्थिति के आधार पर एक बैठक का बहिष्कार कर रही थीं।महंगाई ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। अमेरिका 40 साल में सबसे ज्यादा और ब्रिटेन 30 साल में सबसे ज्यादा महंगाई का सामना कर रहा है। यूरो वाले देश भी अपनी मुद्रा के रूप में अभूतपूर्व मुद्रास्फीति का सामना कर रहे हैं। ऐसे में हमने महंगाई पर काबू पाने की कोशिश की है। 2015-2020 के बीच यह दर 4-5% के बीच थी। यूपीए के दौरान महंगाई दहाई अंक में थी।
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