मतदाताओं के बीच बढ़ रही डाक्टर विवेक की लोकप्रियता!

विवेक सिंह वर्मा के मैदान में आने विपक्षी दलों की बढ़ी मुश्किल

बाराबंकी। सदर विधान सभा से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी डाक्टर विवेक सिंह वर्मा की लोकप्रियता से विपक्षी दलों में बेचैनी बढ़ी हुई है, कई प्रत्याशियों की रातों की नींद गायब हो गई है। अब विपक्षी दल अपनी राजनीति चमकाने के लिए और मतदाताओं को भड़काने के लिए तरह-तरह के षड़यंत्र रच रहे हैं, ऐसे समय में मतदाताओं को होशियार रहने की जरूरत है, चुनाव नजदीक आने पर कई तरह से मतदाताओं पर दबाव बनाया जा रहा है किन्तु सदर की जनता अपने विवेक से ही सदर का विकास करवाना चाहती है, और खुलकर डाक्टर विवेक को समर्थन कर रही है। विवेक सिंह वर्मा के मैदान में आने विपक्षी दलों की बढ़ी मुश्किल

प्राप्त जानकारी के अनुसार आगामी 27 फरवरी को मतदान बाराबंकी में निश्चित हैं, इस दौरान कई प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं और अपनी राजनीति को चमकाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर वोटों का ध्रुर्वीकरण कराने की फिराक में हैं। वहीं बसपा प्रत्याशी इन कुचक्रों को अनदेखा करके लगातार जनता की सेवा में जुटे हुए हैं। मालूम हो कि बसपा प्रत्याशी डाक्टर विवेक सिंह वर्मा काफी दिनों से क्षेत्र का भ्रामण करते हुए लोगों को जागरूक करते चले आ रहे हैं और लोगों के सुख व दुख में बराबर पहुंच रहे हैं, इनकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि हर मतदाता यही कह रहा है कि डाक्टर साहब के मुकाबले किसी भी दल में इतना अच्छा प्रत्याशी नहीं है, हम लोग पार्टी देखकर वोट नहीं करेंगे हम लोग सिर्फ डाक्टर साहब के व्यवहार के कारण उनको खुलकर मतदान करेंगे। मालूम हो कि मौजूदा समीकरण को देखते हुए कई प्रत्याशियों की रातों की नींद हराम हो गई है। तो कई प्रत्याशी खुद मुकाबला करने में अक्षम हैं तो राजनैतिक षड़यत्र रच रहे हैं। कुछ षड़यंत्रकारी बसपा प्रत्याशी की लोकप्रियता से इतना घबरा गये हैं कि कुचक्र रच रहे हैं। सूत्रों से पता चला है कि कई प्रत्याशी अचानक प्रकट हुए हैं और जनता में जनाधार न होने के कारण तरह-तरह के लोगों को डरा धमकाकर विचलित कर रहे हैं। षड़यंत्रकारियों को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है।

इस सम्बंध में डाक्टर विवेक सिंह वर्मा ने बताया कि जब कोई सच्चाई व ईमानदारी के रास्ते पर चलता है तो उसके सामने बहुत से तूफान आते हैं, सदर की जनता के सहयोग से ऐसे लोगों से लड़ने को तैयार हूँ।
अब देखना यह है कि क्या सदर की जनता अपने विवेक का इस्तेमाल करेगी या षड़यंत्रकारियों के झांसे में आकर कुछ और, यह तो आने वाली 10 मार्च को पता चलेगा।

अब्दुल मुईद के साथ सुहैल अहमद अंसारी की रिपोर्ट-9936900677

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