किस के सिर पर बंधेगा ताज ,चर्चाओं का बाजार गर्म

एसएम न्यूज़24टाइम्स के जिला ब्यूरो के साथ मसौली संवाददाता अवधेश वर्मा शांती वर्मा की रिपोर्ट मोबाइल नंबर 8707331705

मसौली बाराबंकी। जैदपुर विधानसभा के चुनाव के बाद किस के सिर पर बंधेगा ताज को लेकर दिनभर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।चुनाव परिणाम भले ही 10 फरवरी को आयेगा परन्तु समर्थक अपने अपने उम्मीदवारों की जीत को पक्का मान रहे है। लोगो की माने तो सपा का गढ़ समझा जाने वाला क्षेत्र एक बार फिर मजबूत होता हुआ नजर आ रहा है।

बताते चले वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव से पूर्व मसौली विधानसभा के नाम से जानी जाने विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी के लिए अभेद दुर्ग कहा जाता था वर्ष 2012 में नये परिसीमन में मसौली एव सिधौर को खत्म कर जैदपुर के नाम से नयी विधानसभा सृजित की गयी और पहले चुनाव में सपा उम्मीदवार रामगोपाल रावत ने शानदार जीत दर्ज कराते हुए सपा के गढ़ को बरकरार रखा परन्तु 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा ने अपने ही गढ़ को समझौते के मुताबिक काँग्रेस को देकर स्वयं पैरो पर ऐसी कुल्हाड़ी मारी कि आज तक सपा सम्भल नही सकी। 2017 के विधानसभा चुनाव में आजादी के बाद पहली बार क्षेत्र में कमल खिला जिसकी रौनक आज तक कम नही हो सकी लोकसभा चुनाव मे समाजवादी पार्टी द्वारा बसपा से गठबन्धन के बाद भी भाजपा का  पलड़ा भारी रहा।
विधायक से सांसद बनने के बाद रिक्त हुई जैदपुर के उपचुनाव में सभी राजनितिक पार्टियों ने अलग अलग चुनाव लड़ा और काँग्रेस के आलावा सभी पार्टियों ने नये उम्मीदवारों को मैदान में उतारे जिसमे सपा अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त कर गौरव रावत विधायक निर्वाचित हुए। 2022 के विधानसभा के आम चुनाव में सभी राजनैतिक दलों ने उपचुनाव के प्रत्याशियों को मैदान में उतारा जिसमे सत्तारूढ़  भाजपा ने उपचुनाव के रनर  सुसवई निवासी अम्बरीष रावत को सपा ने उपचुनाव के विजेता वर्तमान विधायक गौरव रावत को , काँग्रेस ने अपने पुराने उम्मीदवार तनुज पुनिया को ही लगातार चौथी बार मैदान सौपा वही बसपा ने प्रत्याशी बदलते हुए उषा गौतम को मैदान में उतारा। जो अन्त में सपा प्रत्याशी गौरव रावत एव भाजपा उम्मीदवार अम्बरीष रावत एव काँग्रेस के तनुज पुनिया के बीच तिरकोणीय मुकाबला होने के कयास लगाये जा रहे है।

   खुल रहे है वोटर

चुनाव तक मतदाताओं ने भले ही चुप्पी साधे रहे हो परन्तु मतदान सम्पन होने के बाद चर्चाओं का मुताबिक काफी हद तक तस्वीर साफ होती हुई नजर आ रही है। कही न कही लोगो के बातचीत के लहजे से भी यह पता लगने लगा है कि ऊंट किस करवट बैठेगा और समर्थकों के बीच आंकड़े बाजी शुरू हो गयी है। मतदान के बाद लोगो से हुई बातचीत में साफ नजर आने लगा है कि  गठबन्धन के जरिये हार जाने वाली सपा मजबूत हुई है। लोगो का तर्क है कि बेनी बाबू की सक्रियता कम होने के बाद क्षेत्र का कुर्मी मतदाता भाजपा की झोली में चला गया था परन्तु बेनी प्रसाद वर्मा के स्वर्गवास के बाद उपजी सहानुभूति के चलते सपा से दूर जा चूका कुर्मी मतदाता पुनः सपा की ओर मुड़ गया है। वही केंद्र एव राज्य सरकार द्वारा गरीबो को मुफ्त राशन भी मतदाताओं को भी खूब भाता नजर आया और लोगो का रुझान भाजपा की ओर देखा गया। वही काँग्रेस के प्रत्याशी तनुज पुनिया का लगातार यह चौथा चुनाव है 2017 में सपा से गठबंधन के रूप में, 2019 का लोकसभा फिर 2019 के उपचुनाव के बाद 2022 का चौथा चुनाव है। काँग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया के पिता पीएल पुनिया द्वारा सांसद रहते कराये गये कार्य व तनुज पुनिया द्वारा लगातार हार के बाद भी क्षेत्र में बराबर बने रहने का फायदा मिल रहा है वही सपा के भितरघात का भी फायदा काँग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में देखा गया है।
हालांकि यह तो सिर्फ कयास ही है जो लोगो द्वारा लगाये जा रहे है असली तस्वीर तो गुरुवार 10 फरवरी को ही सामने आयेगा कि चुनाव में किस के सिर पर जीत का ताज बंधेगा और क्षेत्र का माननीय बनेगा।

एसएम न्यूज़24टाइम्स के जिला ब्यूरो के साथ मसौली संवाददाता अवधेश वर्मा शांती वर्मा की रिपोर्ट मोबाइल नंबर 8707331705

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