भाजपा सरकार की उदासीनता से बदहाल है महादेवा रेलवे लाइन: राजनाथ

बाराबंकी: रिपोर्ट शमीम अंसारी: एसएम न्यूज24टाइम्स 9415526500

बंद पड़ी बुढ़वल रेलवे लाइन के जीर्णाेद्धार की फिर उठी मांग, हुआ सत्याग्रह

बाराबंकी। रामनगर स्थित बहुप्रतिक्षित बुढ़वल वाया महादेवा से बहरामघाट (गणेशपुर) रेलवे लाइन का पुनर्निमाण कराए जाने एवं लोधेश्वर महादेव मंदिर में आने वाले शिवभक्तों के लिए जिला प्रशासन द्वारा स्थाई विश्राम स्थल, जलपान गृह व प्राथमिकी चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराए जाने संबंधी मांगों को पुनः दोहराया गया। मंगलवार को गांधीवादी राजनाथ शर्मा के नेतृत्व में शिवभक्तों एवं जनसामान्य से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को लेकर गांधी भवन में सत्याग्रह किया। इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन और राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए बताया कि भाजपा सरकार की उदासीनता के कारण बुढ़वल वाया महादेवा से बहरामघाट तक जाने वाले बहुप्रतिक्षित रेलवे लाइन आज भी बदहाल स्थिति में है। जिसके जीर्णाेद्धार को लेकर लगभग डेढ़ दशक से जन आन्दोलन व सत्याग्रह जारी है। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस साल भी आम बजट में रामनगर के पर्यटन विकास की ओर ध्यान नहीं दिया। जबकि तत्कालीन केन्द्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने अश्वस्त किया था कि यदि राज्य सरकार मदद करे तो बंद पड़ी रेलवे लाइन का जीर्णाेद्धार कराया जा सकता है। श्री शर्मा ने बताया कि सूबे के सबसे प्राचीनतम शिवमंदिरों में शुमार रामनगर स्थित लोधेश्वर महादेव मंदिर जहां लखनऊ, उन्नाव, कानपुर, औरैया, इटावा, मैनपुरी के अलावा झांसी, जालौन, ललितपुर सहित कई अन्य जनपदों से पैदल चलकर लाखों शिवभक्त महादेवा स्थित लोधेश्वर मंदिर में जलाभिषेक करने आते है। उनकी सुविधानुसार महादेवा तक राष्ट्रीय राजमार्ग के बांयी ओर ‘स्थाई पैदल सहायक मार्ग’ बनाया जाना चाहिए। जिसकोे ‘कांवरिया पथ’ के नाम से जाना जाए। जो पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त हो। समाजसेवी विनय कुमार सिंह ने बताया कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ईंधन की कमी से बंद हुई बुढवल जंक्शन से महादेवा वाया बहरामघाट (गणेशपुर) तक जाने वाली रेल लाइन को पुनः बहाल किया जाए। क्योंकि रेलमार्ग के बंद होने से जहां उप्र का सबसे बड़ा लकड़ी उत्पादन केन्द्र प्रभावित हुआ वहीं रेल यातायात की समस्या के चलते अगानपुर, बरूआ, लम्बापुर, रजनापुर, महादेवा, गोबरहा, बड़नपुर, गंजापुरवा, पिन्नापुर व बहरामघाट का क्षेत्र अति पिछड़ा हो गया। रेल मार्ग बहाल होने से इन गांवों का विकास होगा। सत्याग्रह के दौरान प्रमुख रूप से प्रधान समीर सिंह, मृत्युंजय शर्मा, विजय कुमार सिंह, मो. अदीब इकबाल, मनीष सिंह, श्रीनिवास त्रिपाठी, पाटेश्वरी प्रसाद, रिजवान रजा, उदय प्रताप सिंह, संजय सिंह, आज़म ज़ैदी, सत्यवान वर्मा, नीरज दूबे, अशोक जायसवाल सहित कई लोग मौजूद रहे।

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