कन्याभोज एव भंडारे में भक्तो ने लिया भाग

एसएम न्यूज़24टाइम्स के जिला ब्यूरो के साथ मसौली संवाददाता अवधेश वर्मा शांती वर्मा की रिपोर्ट मोबाइल नंबर 8707331705

मसौली बाराबंकी। ग्राम पंचायत चंदवारा में चल रही भागवत कथा का सुदामा चरित्र और राजा परीक्षित मोक्ष की कथा के वर्णन के साथ समापन किया गया। समापन के साथ आयोजित कन्याभोज एव भंडारे में तमाम भक्तो ने भाग लिया।

कथावाचक पं. ऋषि शुक्ला ने भगवतकथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र और राजा परीक्षित मोक्ष की कथा सुनाते हुए कहा कि एक बार राजा परीक्षित आखेट के लिए वन में गए। वन्य पशुओं के पीछे दौड़ने के कारण वे प्यास से व्याकुल हो गए तथा जलाशय की खोज में शमीक ऋषि के आश्रम पहुंच गए। उन्होंने सोचा कि मु़झे वहीं पानी मिलेगा और सत्संग मिलेगा। इस आशा से राजा आश्रम पहुंचे किंतु वहां सन्नाटा छाया हुआ था। राजा का स्वागत करने कोई नहीं आया।
राजा आगे चलकर देखते हैं तो राजा ने प्रणाम किया लेकिन ऋषि ध्यान मग्न थे वे राजा से कैसे बोलते राजा को लगा कि आंख मूंदकर ध्यान का ढोंग कर रहे हैं और मेरा अपमान कर रहे हैं। यह सोचकर राजा क्रोधित हो गए। क्रोध में विवेक नष्ट हो गया।
राजा को एक वृक्ष के नीचे एक मरा हुआ सर्प दिखाई दिया। राजा ने मरे हुए सर्प को उठाया और आश्रम में लौटकर ऋषि के गले में डाल दिया। राजा को जाते हुए वहां से एक दो ऋषिकुमारों ने देख लिया। उन्होंने सारी बात ऋषि श्रृंगी को बताई। उन्होंने राजा परीक्षित को श्राप दे दिया कि ऐसे निराधम राजा की मृत्यु आज से सातवें दिन तक्षक नागके काटने से होगी। राजा भयभीत हुआ। राजा गंगा तट पर रहने लगा वहां व्यास पुत्र शुकदेव मुनि पहुंचे। उन्होंने भागवत कथा सुनाई। तभी से पुण्यपद सुनने का लाभ हम सभी को प्राप्त हो रहा है। राजा ने भी भागवत का आयोजन किया और मोक्ष को प्राप्त हुए।
कथा का समापन कन्याभोज एव भंडारे के साथ किया गया जिसमें ग्राम प्रधान रमेश जयसवाल, पप्पू जयसवाल सहित आसपास गांव के भारी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।

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