जैसे सऊदी कंपनी आरामको के प्रतिष्ठानों में पैट्रियट मिसाइल लाचार नज़र आए उसी तरह एनुल असद में भी यह मिसाइल बच्चों का खिलौना साबित हुए!!

गत 8 जनवरी को अमरीका की छावनी पर ईरान के मिसाइल हमले से कितना जानी नुक़सान हुआ यह तो अब तक साफ़ नहीं हो पाया है, क्योंकि अमरीकी प्रशासन ने इसे छिपाया है अलबत्ता अब धीरे धीरे जानकारियां बाहर आ रही हैं लेकिन इस हमले से यह तो साबित हो गया कि ईरान जो बैलिस्टिक मिसाइल बना रहा है वह बेहद सटीक और बहुत ताक़तवर हैं।
यह वास्तव में वही दृश्य है जो सऊदी अरब की आरामको कंपनी के प्रतिष्ठानों पर यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के मिसाइल हमले के समय नज़र आया था। वहां भी अमरीकी पैट्रियट मिसाइल, हमलावर मिसाइलों और ड्रोन विमानों का रास्ता रोक पाने में नाकाम हो गए थे और इराक़ में एनुल असद छावनी पर ईरान द्वारा फ़ायर किए गए बैलिस्टिक मिसाइलों को भी अमरीकी पैट्रियट मिसाइल रोक नहीं पाए।
अमरीकी अधिकारी दावा कर रहे हैं कि ईरान के मिसाइल हमले के बारे में उन्हें समय रहते मालूम हो गया था इसलिए उन्होंने अपने सैनिकों को शरण स्थलों में चले जाने का आदेश दे दिया था मगर विशेषज्ञों का यही सवाल है कि अमरीकी एंटी मिसाइल ढाल सिस्टम ईरानी मिसाइलों को हवा में ही क्यों नहीं ध्वस्त कर सके।
एबीसी न्यूज़ की वेबसाइट पर सामरिक मामलों के विशेषज्ञ सिबैस्टियन वोरब्लेन ने यह सवाल गंभीर रूप से उठाया है।
अमरीका ने अपनी छावनियों को पैट्रियट मिसाइलों से लैस कर रखा है और इनकी क्षमता के बारे में अमरीकी अधिकारी बड़ी बड़ी बातें करते नहीं थकते। यह मिसाइल बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने के लिए स्थापित किए जाते हैं। मगर ईरान ने अमरीका की दो छावनियों पर मिसाइल बरसाए और यह सिस्टम उन्हें रोक नहीं पाया।
अमरीका ने इसी प्रकार के मिसाइल सऊदी अरब में स्थापित कर रखे हैं, वहां भी जब यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन ने बड़ा मिसाइल और ड्रोन हमला किया और आरामको कंपनी के प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया तब भी अमरीकी पैट्रियट मिसाइल अपने लांचिंग पैड पर पड़े आराम करते रहे।
ईरान का मिसाइल हमला अमरीका के लिए अपनी तकनीकी श्रेष्ठता साबित करना का अच्छा मौक़ा था। यदि अमरीकी मिसाइल ईरान के हमलावर मिसाइलों को आसमान में ही तबाह करने में कामयाब हो जाते तो अमरीका अपने सैनिकों और अपने घटकों को यह आश्वासन दिला सकता था कि वह हमलों को नाकाम बनाने में सक्षम है। इससे अमरीकी रक्षा उद्योग की साख भी मज़बूत होती और अमरीकी पैट्रियट मिसाइल रूस के एस-400 मिसाइलों को टक्कर देने में सफल हो जाते लेकिन सब कुछ उलट गया।

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