4 दिवसीय सालाना मेला शुरू…

शान्ती देवी अवधेश वर्मा विशेष संवाददाता मसौली जनपद बाराबंकी एसएम न्यूज़ 24 टाइम्स 8707331705

मसौली बाराबंकी। कस्बा बड़ागांव स्थित हजरत काजी शहाबुद्दीन औलिया परकाले आतिशी (रह0) की मजार शरीफ पर शुक्रवार की शाम से बीबियों के मेले के साथ 4 दिवसीय सालाना मेला शुरू हो गया है। मेले में दूरदराज से आने वाले जायरीनों की आमद शुरू हो गई है। जो बाबा की मजार शरीफ पर माथा टेककर दुवाये एव मन्नत मांग रहे हैं।
उल्लेखनीय हो कि हजरत सैय्यद अब्दुर्रज्जाक शाह( रह0) बांसा शरीफ की मजार शरीफ पर ईद उल फितर के दिन से चलने वाले 8 दिवसीय सालाना मेले के बाद कस्बा बड़ागांव में प्रति वर्ष हजरत काजी शहाबुद्दीन औलिया परकाले आतिशी( रह0) की याद में 4 दिवसीय सालाना मेला लगता है।मेले में दूरदराज से हजारो जायरीन बाबा की मजार पर माथा टेकने व मन्नत मांगने आते हैं। मेले में झूला,हिंडौला, गड़बड़झाला, खिलौने, बर्तन,क्रॉकरी,बक्सों सहित तमाम दुकाने सज चुकी है।हजरत काजी शहाबुद्दीन औलिया परकाले आतिशी( रह0) के मद्रास,मुम्बई, असम,कोलकाता सहित देश के अन्य स्थानों पर तमाम अकीदतमंद है जो 9 शव्वाल को बाबा की याद में बड़े बड़े लंगर करते है और कई स्थानों पर बाबा का कुल शरीफ संपन्न होता है। कस्बा बड़ागांव में बाबा की मजार शरीफ पर 25 जून की भोर 3:45 मिनट पर कुल शरीफ सम्पन होगा जिसमे जिले के तमाम स्थानों से हजारो लोग शामिल होंगे।

■ बाबा की याद मे 24 जून 9 शव्वाल को घर- घर बंटेगी मदद ■

हजरत काजी शाहबुद्दीन औलिया परकाले आतिशी (रह0) की याद में 9 शव्वाल को पूरे कस्बे में प्रत्येक घर मे बाबा की याद में मदद के रूप में आटा बांटा जायेगा जिसमे हिन्दू -मुस्लिम सहित समाज के सभी वर्ग के लोग बाबा की याद में मदद बांटते है और लोग एक- दूसरे के यहाँ तबरुक के रूप में मदद लेकर पका कर खाते हैं।

■ बोलते हुए मुर्गे पर होती है कुर्बानियाँ ■

हजरत काजी शहाबुद्दीन औलिया परकाले आतिशी (रह0) की फातिहा बोलते हुए मुर्गे पर होने के कारण गांव में तमाम देशी मुर्गो की दुकानें लगनी शुरू हो गयी है जो दूरदराज से बोलते हुए देशी मुर्गे लाकर बेच रहे हैं ।रिवाज के कारण मुर्ग़े के दामो में काफी उछाल है।
किवदंतियों के मुताबिक हजरत काजी शहाबुद्दीन औलिया परकाले आतिशी( रह0) एक बार शिकार के दौरान अपनी बहन बीबी फैजल के घर गये और बहन से कहा कि बहन खाने में क्या बना है बहन ने देशी मुर्गा बनाया था लेकिन भाई से झूठ बोला और कहा कि घर मे दाल बनी है।बाबा ने बहन से कई बार यही सवाल किया परन्तु बहन ने हर बार दाल बनी होने की बात कही जिस पर बाबा को जलाल आ गया और कहा कि बोल दे मुर्गा कुकडूकू जिस पर पका हुआ मुर्गा पतीली से पंख फड़फड़ाता हुआ निकल आया और कुकडूकु बोला तभी से बोलते हुए मुर्गे की कुर्बानी कर बाबा के नाम फातिहा होती है। इस घटना के बाद बाबा की बहन ने अल्लाह से माफी मांगते हुए कहा कि हमने अपने भाई से झूठ बोला है धरती फट जाय और हम उसमे समा जाये।उसी वक्त धरती फ़टी और बहन धरती में समा गयीं जिनकी मात्र सिर की मजार कस्बा मसौली में तालाब के किनारे स्थित है जिनका कुल शरीफ बाबा के कुल बाद होता है।
हजरत काजी शहाबुद्दीन औलिया परकाले आतिशी (रह0) की याद में कस्बा बड़ागांव, मसौली, बांसा,नैनामऊ, शहाबपुर, रसौली, कोलकाता, मद्रास,मुंबई, मकनपुर, सलवन शरीफ सहित तमाम जगहों पर बाबा की याद में कार्यक्रम होते है।

■ साज सज्जा में जुटे कमेटी के मेम्बरान ■
बाबा की मजार शरीफ पर लगने वाले 4 दिवसीय सालाना मेले की साज सज्जा में अंजुमन आशिकाने रसूल के मेम्बर मोहम्मद गुफरान, कमरुद्दीन, अमीनुद्दीन अंसारी, मोहम्मद अफजाल, नूर आलम, मोहम्मद नावेद,मोहम्मद वसीक आदि लोग बाबा की मजार को सजाने में लगे हुए हैं।

शान्ती देवी  अवधेश वर्मा विशेष संवाददाता मसौली जनपद बाराबंकी एसएम न्यूज़ 24 टाइम्स 8707331705

 

Don`t copy text!