रोडवेज बसों की खिड़कियों में शीशे तक नहीं लू के थपेड़े झेल रहे बसों में बैठे यात्री।
मुकीम अहमद अंसारी संवाददाता (एसएम न्युज24 टाइम्स) सहसवान- बदायूं 9719216984
बदायूं। रोडवेज का ध्यान यात्री सुविधाओं से ज्यादा आमदनी पर है। यात्री सेवाओं के नाम पर रोडवेज बस स्टैंड से लेकर बसों के भीतर तक स्थिति खराब है। कई खटारा बसों की खिड़कियों पर शीशे तक नहीं हैं। जब यह बसें 45-46 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच सड़कों पर दौड़ती हैं तो लू के थपेड़ों से यात्रियों की हालत खराब हो जाती है। इतना ही नहीं रोडवेज बस स्टैंड पर बने यात्री शेड में भी यात्रियों को मुश्किलें हो रही हैं। यहां पंखे तक नहीं चलते। पीने के पानी की भी यहां मुकम्मल इंतजाम नहीं हैं।
बदायूं डिपो के बेड़े में 168 बसों में 37 बसें अनुबंधित और 131 निगम की हैं। निगम की 131 बसों में 50 बसें नीलामी की लाइन में हैं। यह बसें दस वर्ष से ज्यादा उम्र पूरी कर चुकी हैं। यात्री सुविधाओं को दरकिनार करते हुए बदायूं डिपो इस पीक सीजन में ज्यादा से ज्यादा बसों को सड़कों पर दौड़ाकर आमदनी के मामले में बाजी मारना चाहता है, लेकिन यात्री सुविधाओं पर उसका ध्यान नहीं है। शीशे न होने के कारण महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा समस्या होती है। खटारा बसों में रोड पर दौड़ते-दौड़ते शार्ट सर्किट तक हो रहे हैं, लेकिन अधिकारी ऐसे मामलों में पर्दा डालकर यात्रियों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।
रोडवेज की बसों में ही नहीं बल्कि डिपो परिसर में भी यात्री सुविधाओं का बुरा हाल है। यात्रियों के बैठने के लिए एक टिन शेड है। इनमें लगे चार पंखों में से दो ही चलते हैं। बेंच भी पर्याप्त नहीं है। पीने के पानी की बात करें तो पिछले दिनों पंजाबी समाज की ओर से शुरू की गई शीतल पेयजल सेवा के सहारे ही यात्रियों को रहना होता है। कई बार यहां भी पर्याप्त पानी न होने के कारण बोतलबंद पानी खरीदने को मजबूर होना पड़ता है। भीषण गर्मी और तेज धूप के बीच यात्रियों को डिपो परिसर में सिर छिपाने की पर्याप्त जगह नहीं है।
सोमवार को वैशाख पूर्णिमा के दौरान बदायूं-कासगंज रूट पर डायवर्जन के चलते यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। बदायूं से कासगंज जाने वाली बसों को नौशेरा, कादरचौक, गंजडुंडवारा होते हुए पास किया गया। इसी तरह कासगंज से बदायूं की ओर आने वाली बसों को बितरोई, मुजरियर, सहसवान, गुन्नौर होते हुए पास किया गया। इससे यात्रियों को अतिरिक्त सफर तय करना पड़ा।
वर्कशॉप के कर्मचारियों को सख्त हिदायत है कि बस पूरी तरह फिट होने पर ही बाहर निकलनी चाहिए। मैं खुद भी देखता हूं कि बसों में खिड़की, दरवाजे समेत अन्य सुविधाएं दुरुस्त हैं। या नहीं। अगर किसी बस की खिड़की में शीशे नहीं हैं या अन्य कोई समस्या है तो इसे दूर कराया जाएगा। अगर किसी स्तर पर लापरवाही हो रही है तो कर्रवाई की जाएगी।
-लक्ष्मण सिंह, एआरएम
मुकीम अहमद अंसारी संवाददाता (एसएम न्युज24 टाइम्स) सहसवान- बदायूं 9719216984