राशन कार्ड सरेंडर या निरस्तीकरण के आदेश को उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया भ्रामक, सत्यापन सामान्य प्रक्रिया

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उत्तर प्रदेश में बीते कई दिनों से राशन कार्ड सरेंडर तथा निरस्तीकरण की चर्चाओं पर उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को विराम लगा दिया है। सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया कि राशन कार्ड का सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है, सरेंडर करने की बात महज अफवाह के सिवा कुछ भी नहीं है।उत्तर प्रदेश सरकार ने राशन कार्ड को लेकर बीते कई दिन से चल रही अफवाह पर रविवार को अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में राशनकार्ड सरंडेर करने या फिर कहीं पर उनके निरस्तीकरण के सम्बन्ध में कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है। प्रदेश के खाद्य आयुक्त ने इस संबंध में प्रसारित खबरों को आधारहीन तथा भ्रामक बताया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राशनकार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है। सामान्य प्रक्रिया को बेवजह तूल देना ठीक नहीं है।उत्तर प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के इंफो उत्तर प्रदेश फैक्ट चेक शाखा की ओर से जारी स्पष्ट निर्देश में कहा गया है कि इंटरनेट मीडिया मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर राशन कार्ड सरेंडर करने व वसूली को लेकर भ्रामक पोस्ट वायरल किए जा रहे हैं। इस संबंध में अवगत कराना है कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से राशन कार्ड सरेंडर या फिर वसूली का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।

 उत्तर प्रदेश में मुफ्त राशन वितरण व्यवस्था में बदलाव, अब राशनकार्ड धारकों को चावल ज्यादा और गेहूं कम मिलेगा

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत लाभार्थियों को वितरित किये जाने वाले गेहूं और चावल के अनुपात में बदलाव किया गया है। उत्तर प्रदेश में एनएफएसए के तहत जून 2022 से मार्च 2023 तक पात्र गृहस्थी राशनकार्ड धारकों को प्रति यूनिट पर दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल मिलेगा। वहीं अंत्योदय कार्डधारकों को प्रति कार्ड पर 21 किलो चावल और 15 किलो गेहूं मिलेगा। अपर खाद्य आयुक्त अनिल कुमार दुबे ने यह जानकारी दी है। इस वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की सरकारी खरीद में आई जबर्दस्त गिरावट को देखते हुए खाद्यान्न वितरण व्यवस्था में यह बदलाव किया गया है। एनएफएसए के तहत अभी तक पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारकों को प्रति यूनिट पर तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल दिया जाता था। वहीं अंत्योदय कार्डधारकों को प्रति कार्ड पर 20 किलो गेहूं और 15 किलो चावल दिए जाने की व्यवस्था थी।गौरतलब है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत उत्तर प्रदेश में मई से सितंबर तक के लिए किये जाने वाले खाद्यान्न वितरण में केंद्र ने राशनकार्ड धारकों को प्रति यूनिट पर पांच किलो चावल देने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश में 3.61 करोड़ राशन कार्डधारक हैं जिनके जरिये 14.98 करोड़ व्यक्तियों (यूनिट) के लिए अनाज दिया जाता है।गौरतलब है कि अभी उत्तर प्रदेश में हर महीने दो चक्र में राशन वितरण किया जा रहा है। एक चक्र के तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लाभार्थियों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। वहीं दूसरे चक्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों को उचित मूल्य पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।

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