जो जिन्दगी में शहीद होता है मरने के बाद उसे ही शहादत मिलती है: मौलाना मुराद आले रसूल का कारनामा खुदाई कारनामा होता है

सगीर अमान उल्लाह जिला ब्यूरो बाराबंकी

बाराबंकी। जो जिन्दगी में शहीद होता है मरने के बाद उसे ही शहादत मिलती है। मक्तबे फातिमा की तालीम दाइसी को भी हुसैनी बना देती है। आले रसूल का कारनामा खुदाई कारनामा होता है। ये बातें मौलाना गुलाम अस्करी हाल में शहीद जनरलकासिम सुलेमानी, अबू मेहदी मुहंदिस उनके साथ शहीद हुए लोगों की ईसाल सवाब की मजलिस को खिताब करते हुए आली जनाब मौलाना मुराद रजा साहब किबला ने कहीं। उन्होंने यह भी कहा कि जो खुदा के रास्ते पर चलकर जिन्दगी गुजार देता है खुदा उसे ही मर्तबा अता करता है। मौलाना ने ये भी कहा कासिम सुलेमानी शहीद हो के जिन्दाबाद हो गया। अमरीका जीते जी मुर्दाबाद हो गया। जालिम जाबिर हुकूमतें जब अपनी बातें मनवाना चाहती हैं, तो पहले अदालतों को खरीदती हैं , फिर अदालत के जरिए हक का कत्ल करवाती हैं।जब जब जालिम हुकूमतों के जरिए हक का कत्ल हुआ है। मुल्क तबाह हुआ और हुकूमतों का भी बेड़ागर्क हुआ है। आखिर में अय्याम फातमी के हवाले से मसायब पेश किए जिसे सुनकर मोमनीन रोने लगे। मजलिस से पहले बुजुर्ग शायर नसीर अंसारी ने अपना कलाम पेश करते हुए पढ़ालानत खुदा की उस पा हो जिस बद नसीब ने,जहरा का दर जला दिया हैदर के सामने। अजमल किन्तूरी ने अपना कलाम पेश करते हुए पढ़ासब्र के बिगड़े हुए तेवर जो देखे जुल्म ने, उसके रूखपर नक्शे हैरानी नजर आने लगा ।आशिक हैदर की इस तरह शहादत देखकर, हर  बशर कासिम सुलेमानी नजर आने लगा मुहिब रिजवी ने अपनी बेहतरीन फिक्र का इजहार कुछ इस तरह कियाइस जहाँ में ये फजीलत कम नहीं तेरे लिए, अपने रहबर के लिए तू मालिक अस्तर बना जब जमीं पर कूवत   ईमां मुजस्सम हो गई, तब कहीं कासिम सुलेमानी तेरा पैकर बना। इसके अलावा अयान, जईम काजमी, जाकिर इमाम, सादिक अरबाब रजा ने भी नजरानये अकीदत पेश किया। बानिये मजलिस ने सभी का शुक्रिया अदा किया।
सगीर अमान उल्लाह जिला ब्यूरो बाराबंकी 

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