कृष्ण का जन्म उत्सव मनाने वाले अजमेर नगर निगम को ग्वाले की गायों का ख्याल भी रखना चाहिए।

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ट्रेंचिंग ग्राउंड में मृत गायों की दुर्दशा। निगम पर भाजपा का शासन।

अजमेर नगर निगम कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मना रहा है, यह अच्छी बात है। निगम ने पुरानी परंपरा से हट कर इस बार भगवान कृष्ण से जुड़ी झांकियां रामप्रसाद वाली चौपाटी पर सजाई है, इससे अधिक लोग झांकियों का आनंद ले सकेंगे। सब जानते हैं कि भगवान कृष्ण की पहचान एक ग्वाले की भी है। बचपन में कृष्ण गाय चराने का काम करते थे। यही वजह है कि चित्रों में कृष्ण के साथ गौ माता को भी दिखाया जाता है। लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि अजमेर में मृत गायों की दुर्दशा हो रही है। पहले सरकार की लापरवाही की वजह से गौ माता को लम्पी स्किन रोग हुआ और अब मृत्यु के बाद भी गायों को सम्मानजनक तरीके से दफनाया नहीं जा रहा है। जो नगर निगम गायों के संरक्षक भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मना रहा है, उसी निगम के पास मृत गायों के निस्तारण की भी जिम्मेदारी है, लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि नगर निगम की लापरवाही की वजह से मृत गायों की दुर्दशा हो रही है। लंपी रोग की वजह से अजमेर में प्रतिदिन 150 से अधिक गायों के शव नसीराबाद रोड स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड में पहुंच रहे हैं। इसी ग्राउंड में शहर भर का कचरा भी एकत्रित होता है। कायदे से मृत गायों के शवों को बड़ा गड्ढा खोदकर दफनाया जाना चाहिए। गड्ढे में केमिकल और नमक भी डाला जाता है, लेकिन ट्रेचिंग ग्राउंड पर गायों के शव इधर उधर बिखरे पड़े हैं, जिन कुछ गायों को गड्डे में डाला गया है, उस पर भी केमिकल और नमक नहीं डाला गया। यानी नगर निगम को मृत गौ माता की कोई चिंता नहीं है। गौ माता की यह दुर्दशा तब हो रही है, जब अजमेर नगर निगम पर भाजपा का शासन है। यह माना कि राज्य में कांग्रेस की सरकार है और नगर निगम का प्रशासन सरकार के दिशा निर्देश के अनुरूप ही काम करता है। लेकिन कोई भी सरकार यह नहीं चाहेगी की मृत गायों की भी दुर्दशा हो। यदि गायों को दफनाने के लिए नगर निगम के पास नमक और केमिकल खरीदने का पैसा भी नहीं है तो सामाजिक और धार्मिक संगठनों से मदद ली जा सकती है। अजमेर में ऐसे अनेक गौ भक्त हैं जो अपने पैसों से चारा उपलब्ध करवा रहे हैं। ऐसे गौ भक्त भाजपा के शासन वाले अजमेर नगर निगम को नमक और केमिकल भी नि:शुल्क उपलब्ध करवा सकते हैं। निगम ने मृत पशुओं को उठाने और निस्तारण के काम को भी ठेके पर दे रखा है। निगम के अधिकारियों को तो सिर्फ ठेकेदार से काम करवाना है। जो नगर निगम मृत गायों का निस्तारण भी सम्मान जनक तरीके से नहीं करवा पा रहा है उसके कामकाज का अंदाजा लगाया जा सकता है।

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