राष्ट्र संघ में वीगर मुसलमानों के मानवाधिकर उल्लंघन के मुद्दे पर अधिकांश मुस्लिम देशों ने दिया चीन का साथ

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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकर परिषद में चीन के शिनजियांग प्रांत में वीगर मुसलमानों के मानवाधिकर उल्लंघनों पर बहस को लेकर लाया गया प्रस्ताव अधिकांश मुस्लिम देशों द्वारा चीन का समर्थन करने के कारण गिर गया है।

संयुक्त राष्ट्र संघ में चीन का समर्थन करने वाले पाकिस्तान और इंडोनेशिया जैसे कई बड़े मुस्लिम देश हैं। यह प्रस्ताव पश्चिमी देशों द्वारा लाया गया था, जिसका जापान और दक्षिण कोरिया जैसे दश समर्थन कर रहे थे, लेकिन 47 सदस्यों वाली परिषद में 17 देशों ने इस प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया, जबकि 19 ने इसके ख़िलाफ़ वोट दिया। अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता तो मार्च में होने वाले यूएनएचआरसी के सत्र में वीगर मुसलमानों के मानवाधिकर उल्लंघनों को लेकर बहस होती। चीन पर शिनज़ियांग में लाखों वीगर मुसलमानों को डिटेंशन सेंटरों में रखने और ब्रेन वाश करने जैसे गंभीर आरोप लगते रहे हैं। हालांकि चीन इन आरोपों से इंकार कर रहा है और उसका दावा है कि यह डिटेंशन सेंटर दर असल लोगों में तकनीकी कामों की क्षमता को बढ़ावा देने के लिए हैं। भारत, मलेशिया, मेक्सिको और यूक्रेन जैसे देशों ने इस प्रस्ताव पर मतदान में भाग नहीं लिया।दुनिया की सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया ने चीन का समर्थन करने और इस प्रस्ताव के ख़िलाफ़ वोट देने के लिए स्पष्टीकरण जारी किया है। शुक्रवार को जारी किए गए बयान में इंडोनेशिया ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार संस्था को राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। चीन के ख़िलाफ़ आए इस प्रस्ताव पर मतदान के दौरान कुल 11 देश ग़ैर हाज़िर रहे। इनमें भारत समेत लीबिया, गांबिया, मलेशिया और मेक्सिको जैसे देश शामिल हैं। भारत ने अपने इस क़दम को सही ठहराते हुए कहा है कि यह फ़ैसला, लंबे वक़्त से चली आ रही विदेश नीति के तहत लिया गया है।

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