लक्ष्मीनारायण बड़ा मंदिर में एक काव्य संध्या का आयोजन किया गया

मुकीम अहमद अंसारी संवाददाता (एसएम न्यूज24 टाइम्स) बदायूं 9719216984

बदायूं। बिसौली साहित्यिक परिषद बिसौली के बैनर तले लक्ष्मीनारायण बड़ा मंदिर में एक काव्य संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान जनपद के वरिष्ठ कवि नरेन्द्र गरल को डा0 अवधेश पाठक स्मृति सम्मान से नवाजा गया। काव्य गोष्ठी में प्रसिद्ध शायर टिल्लन वर्मा ने पढ़ा- ’बेटी विदा हुई क्या घर से पापा रिश्तेदार हो गए। बहुओं की नजरों में अब वो इक रद्दी अखबार हो गए।’ अभीक्ष पाठक ’आहत’ ने पेश किया- ’जब हवा गुल कोई खिलाती है, उनके रूखसार छू के आती है।’ सुविख्यात कवि नरेन्द्र गरल ने आज के दौर पर तंज कसते हुए पढ़ा- कहां लाकर मुझे छोड़ा गया है, सफर में इक सफर जोड़ा गया है।’ बदायूं से पधारे ओजस्वी कवि अक्षत अशेष ने समाज में फैली नफरतों को खत्म करने की गुहार लगाते हुए पढ़ा- ’पाकर क्या होगा कुछ खोकर जियो। नफरतों के दाग दिल से धोकर जियो।’ शिवकुमार शर्मा अमन ने मीराबाई के कृष्णप्रेम को लेकर पढ़ा- ’इसको परिभाषित तो मीरा ने किया। होती क्या है आशिकी घनश्याम की।’ कवियित्री सरिता सिंह ने महाभारत में कर्ण के किरदार पर कहा- ’गीत याहत बहुत कर्ण के वक्ष सा। मौन वृत में खड़ा प्रश्न इक यक्ष सा।’
गजरौला से पधारीं गीतकार प्रीती चौधरी ने गजल सुनाई तो श्रोता वाह वाह कर उठे- ’थोड़ी सी चांदनी चुराकर रख ली है मैंने। वक्त के अंधेरों के लिए।’ संस्था अध्यक्ष श्रीदत्त शर्मा मुजतर ने पढ़ा- ’इश्क दब जाएगा दबाने से। पर मिटेगा नहीं मिटाने से।’ देर रात तक चली काव्य संध्या में मयंक चौहान, आदित्य तोमर, अखिलेश सिंह, प्रवीण अग्रवाल आदि कवियों ने भी अपनी रचनाएं सुनाईं। इस दौरान संस्थापक सुभाष चंद्र अग्रवाल ने संस्था को एक लाख रूपए देने की घोषणा की। श्रोताओं में विनय शर्मा, मितुल वार्ष्णेय, रजनीश शर्मा, बेवी बाबू, विकास अग्रवाल, दीपक रस्तोगी आदि प्रमुख थे।

मुकीम अहमद अंसारी संवाददाता (एसएम न्यूज24 टाइम्स) बदायूं 9719216984

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