ग़ज्ज़ा की सीमा पर मिस्र की नई दीवार, फ़िलिस्तीनियों को सज़ा देने में मिस्र, इस्राईल से पीछे नहीं

मिस्र ग़ज्ज़ा पट्टी के साथ लगने वाली अपनी सीमा में ज़मीन पर और ज़मीन के नीचे एक कंक्रीट की दीवार का निर्माण कर रहा है। अगले 6 महीनों में इस निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
27 जनवरी को इस दीवार के निर्माण का कार्य शुरू किया गया है। यह दीवार करम अबू सालेम क्रॉसिंग और रफ़ह क्रॉसिंग के बीच बनाई जाएगी।
पहले चरण में 2 किलोमीटर तक के सीमावर्ती इलाक़े में दीवार बनाई जाएगी, ज़मीन पर उसकी ऊंचाई 6 मीटर और ज़मीन के अंदर गहराई 5 मीटर होगी।
इस्राईल ने पिछले 13 साल से ग़ज्ज़ा की घेराबंदी कर रखी है, जिसके कारण वहां रहने वाले 20 लाख से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी बहुत ही ख़राब हालत में जीवन व्यतीत कर रहे हैं और उन्हें खाद्य पदार्थों और दवाईयों जैसी बुनियादी ज़रूरतों के लिए मिस्र से लगने वाली सीमा पर खोदी गई सुरंगों पर निर्भर रहना होता है।
लेकिन इस तरह की दीवार के निर्माण से यह सुरंगें बंद हो जायेंगी, जिससे ग़ज्ज़ा पट्टी में एक भंयकर मानवीय त्रास्दी उत्पन्न हो सकती है।
हालांकि ग़ज्ज़ा में रहने वाले फ़िलिस्तीनियों का कहना है कि इस दीवार का निर्माण ऐसे समय में किया जा रहा है, जब ट्रम्प ने डील ऑफ़ द सेंचरी का एलान किया है, इसलिए मिस्र का यह क़दम और ज़्यादा संदेह उत्पन्न करने वाला है।
ग़ज्ज़ा और मिस्र के बीच कुल 14 किलोमीटर लम्बी सीमा है। इस सीमा पर मिस्र 2008 में पहले ही एक दीवार का निर्माण कर चुका है। msm

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