टी.आर.सी. लाॅ काॅलेज में भारतीय भाषा उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489

अभिव्यक्ति का सबसे बड़ा साधन है भाषा: राज्यमंत्री रजनी तिवारी, भारतीय भाषा उत्सव में शिक्षाविद्ो ने किया विधि विद्यार्थियों को भाषा के प्रति जागरुक  मंगलवार को सतरिख स्थित टी.आर.सी. लाॅ काॅलेज में भारतीय भाषा उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यह कार्यक्रम टी.आर.सी. लाॅ काॅलेज एवं विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में हुआ। जिसका शुभारम्भ मुख्य अतिथि राज्यमंत्री उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश माननीया श्रीमती रजनी तिवारी जी एवं विशिष्ट अतिथि डा. मुकुल चतुर्वेदी उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा परिषद् उत्तर प्रदेश द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन व माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया गया। विधि महाविद्यालय की छात्राओं श्रृद्धा, कोमल, अंजली द्वारा स्वागत गीत आप आएं यहाँ तो ऐसा लगा गाकर मुख्य अतिथि तथा उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया। तत्पश्चात् जिला पंचायत सदस्य श्रीमती अल्का मिश्रा ने मुख्य अतिथि राज्यमंत्री श्रीमती तिवारी तथा प्रबन्धक डा. सुजीत चतुर्वेदी द्वारा विशिष्ट अतिथि, मुख्य वक्ता, प्रदेश सचिव, क्षेत्रीय संयोजक, अमर उजाला ब्यूरो चीफ आदि अतिथियों को अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्रीमती तिवारी ने कहा कि हमें अपनी भाषा से प्रेम करना चाहिए और बढ़ावा देना चाहिए। भारत विविधताओं का देश है, एक दूसरे की भाषा और बोली को सीखने का प्रयास करना चाहिए। आज हमारे देश में काम काज की भाषा अंग्रेजी हो गई है जबकि हमें मातृभाषा को बढ़ावा देना चाहिए। तभी एक भारत अखण्ड भारत का सपना पूरा होेगा। जब प्रधानमंत्री वैश्विक मंच पर हिन्दी में सम्बोधित करते हैं तो हम भारतीय गौरवान्वित महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि इस काॅलेज की जो सोच है भाषा कार्यक्रम को लेकर वह अनोखी और सराहनीय है। विशिष्ट अतिथि डा. मुकुल चतुर्वेदी ने विधि छात्र छात्राओं को भाषा के प्रति जागरुक करते हुए कहा कि भाषा क्या है, भाषा वो है जो मनुष्य और जानवरों में भेद करती है। माता पिता जिन शब्दों से हमें बाल्यकाल में समझाते हैं वहीं हमारी भाषा बन जाती है। उन्होंने बताया लाॅर्ड मैकाले ने 1845 में नई शिक्षा नीति से गुरूकुल व्यवस्था को खत्म कर दिया गया। अंग्रेज शिक्षित लोगों के मन में यह बैठाने में सफल हुए कि भारत मदारियों, जंगलियों का देश है। जबकि नालन्दा, तक्षशिक्षा विश्वविद्यालय में चाणक्य जैसे गुरूजन प्राचीन काल से ही भारत में विद्यमान है। उन्होंने कहा लार्ड मैकाले ने अपने पिता से बात करते हुए कहा था मैं ऐसी शिक्षा नीति बना रहा हूं जिससे भारत में काले अंग्रेज पैदा होंगे लेकिन हमें अपनी भाषा एवं संस्कृति के प्रति आत्महीनता से ग्रसित नहीं होना चाहिए जिससे हम स्वावलम्बी बन सकें। मुख्य वक्ता प्रो. अल्का पाण्डेय लखनऊ विश्वविद्यालय, हिन्दी विभाग ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें भाषा में सुधार हिन्दी में हस्ताक्षर करने के साथ करना चाहिए, आप सोच सकते हैं कि जो बच्चा अपनी मां, चाची पर गर्व नहीं करता वह कैसा हो सकता है।

प्रदेश सचिव श्री मंजुल त्रिवेदी ने कहा कि जहां अनेक भाषा प्रचलन में है वहां ऐसे आयोजनों का महत्व बढ़ जाता है। ऐसे आयोजन विद्या भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान आयोजित करता रहा है। कार्यक्रम संचालन काॅलेज प्राचार्य डा. अश्वनी कुमार गुप्ता व क्षेत्रीय संयोजक श्री जयशंकर पाण्डेय, डा. सुभाष मिश्रा, बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर वि0वि0 लखनऊ, अमर उजाला ब्यूरो श्री चीफ केपी तिवारी, मुख्य वक्ता प्रो. अल्का पाण्डेय, हिन्दी विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया। कार्यक्रम के अन्त में काॅलेज प्रबन्धक डा. सुजीत चतुर्वेदी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए स्मृति चिन्ह देंकर सम्मानित भी किया। इस अवसर पर राजकुमार तिवारी पूर्व प्राचार्य, सुरेन्द्र शुक्ला, रिजवान प्रवक्तागण, सभी छात्र छात्राएं उपस्थित रहीं। मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489

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