मन्दिर मे आयोजित महर्षि दयानन्द सरस्वती के दो सौवें जन्म जयन्ती समारोह……
शान्ती देवी अवधेश वर्मा एसएम न्यूज़24टाइम्स विशेष संवाददाता मसौली जनपद बाराबंकी 8707331705
मसौली बाराबंकी । मानव जाति के प्रकाश स्तम्भों मे महर्षि दयानन्द का स्थान चिरंतन ,स्थायी ,अक्षुण्ण और सार्वदेशिक है । उनको यह गौरव उनकी दिव्य और विश्वविहित चिन्ता के महान आदर्शों के कारण प्राप्त रहेगा । स्थानीय आर्य समाज मन्दिर मे आयोजित महर्षि दयानन्द सरस्वती के दो सौवें जन्म जयन्ती समारोह मे यज्ञ के पश्चात उक्त विचार प्रकट करते हुए आचार्य सत्य प्रकाश आर्य ने कहा कि उस कालखंड मे भारत की मूर्धन्य चेतना मूर्छित हो चुकी थी । समाज मे अविद्या, रूढ़िवाद, अंधविश्वास, पाखंड आदि कुरीतियो के कारण भारतीय समाज दिग्भ्रमित था देश दासता की बेड़ियों मे आबद्ध था ऐसे मे युगप्रवर्तक दयानन्द का प्रादुर्भाव हुआ था ।
उन्होने कहा कि महर्षि दयानन्द ने नारा दिया कि वेदो की ओर लौटो । दयानन्द ने आर्य समाज की स्थापना करके स्त्री शिक्षा , अस्पृश्यता निवारण जैसे महत्वपूर्ण कार्य किये तथा समाज मे व्याप्त अविद्या ,अज्ञान आदि कुरीतियों के विरूद्ध जमकर संघर्ष किया ।
इस अवसर पर लखनऊ से पधारे सर्वमित्र आर्य ने अपने भजनो के माध्यम से महर्षि दयानन्द के जीवन पर प्रकाश डाला तथा मानव मात्र को उन के अमर ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश के अध्ययन करने पर बल दिया । कार्यक्रम को आर्य समाज ग्रीडगंज के अर्जुन यादव, आर्य समाज सोमैयानगर के पंडित रमापति अवस्थी , आर्य प्रतिनिधि सभा के अंतरंग सदस्य डा• राम नारायण आर्य, गुरू नारायण श्रीवास्तव, ने संबोधित किया । कार्यक्रम के संचालक सुधीर सक्सेना तथा आर्य समाज के प्रशासक शांति स्वरूप आर्य ने उपस्थित आर्य जनो के प्रति आभार प्रकट किया । कार्यक्रम के समापन पर ऋषि लंगर का आयोजन किया गया ।
शान्ती देवी अवधेश वर्मा एसएम न्यूज़24टाइम्स विशेष संवाददाता मसौली जनपद बाराबंकी 8707331705