दिल्ली हिंसा मामले में मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की राष्ट्रपति से मुलाक़ात, अमित शाह को बर्ख़ास्त करने की मांग

समाचार एजेंसी न्यूज़ एसएम न्यूज़ के साथ

नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हो रही हिंसा, हालांकि रुक गयी है और हालात बेहतर हो रहे हैं, लेकिन इन हिंसात्मक झड़पों में मरने वालों की तादाद बढ़ कर 34 हो गयी है।उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने कई मामले दर्ज किए हैं और हिंसा फैलाने के इल्ज़ाम में अब तक 106 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और तलाशी अभियान जारी है।
इस बीच विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली हिंसा को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल के साथ आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाक़ात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल थे।
सोनिया गांधी ने पत्रकारों से कहा कि दल्ली में तीन दिन तक हिंसा हुयी और केन्द्र सरकार मूक दर्शक बनी रही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति कोविंद से आह्वान किया कि वह यह सुनिश्चित करें कि नागरिकों की जान, उनकी आज़ादी और संपत्ति सुरक्षित रहे।
सोनिया गांधी ने कहा कि हमने अमित शाह को तुरंत गृह मंत्री के पद से हटाने की भी अपील की।
उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रपति से राजधर्म की रक्षा के लिए अपनी शक्ति का प्रयोग करने का आग्रह किया है।
पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से कहा कि पिछले 4 दिन में दिल्ली में जो कुछ हुआ वह देश के लिए शर्म की बात है और यह केन्द्र सरकार की नाकामी को ज़ाहिर करता है।
कांग्रेस ने दिल्ली हिंसा को लेकर बुधवार को राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च निकाला था जिसे पुलिस ने जनपथ रोड पर रोक दिया था।
दूसरी ओर दिल्ली हिंसा मामले की सुनवाई कर रहे दिल्ली हाई कोर्ट के जज एस मुरलीधर के तबादले के समय को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
न्यायमूर्ति एस मुरलीधर के तबादले के मामले में कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने दिल्ली हिंसा मामले में भाजपा नेताओं को बचाने और हिंसा का पर्दाफ़ाश रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के जज का तबादला किया है।
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