नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुई मुठभेड़ के बाद लापता सभी 17 जवानों को शहीद घोषित कर दिया गया है। जवानों के शव बरामद कर लिए गए हैं। जंगल में सर्च अभियान चलाकर जवानों का शव बरामद किया गया है। शनिवार दोपहर को सुकमा के चिंतागुफा थाना क्षेत्र के कसालपाड़ और मिनपा के बीच नक्सलियों ने सुरक्षाबल के जवानों पर हमला कर दिया था। इस हमले के बाद 17 जवान लापता थे, जबकि 15 जवान घायल हो गए थे। बस्तर आईजी पी सुंदराज ने जवानों के शहीद होने की पुष्टि की है। इसमें 12 एसटीएफ और पांच डीआरजी के जवान बताए जा रहे हैं। घायलों को इलाज के लिए रायपुर एयरलिफ्ट किया गया है। दो घायल जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायल जवानों से सीएम भूपेश बघेल ने रविवार को अस्पताल में मुलाकात की।
सुकमा के मिनपा में सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के करीब 550 जवान सर्चिंग के लिए निकले थे। जवानों को नक्सलियों के छत्तीसगढ़ के सक्रिय टॉप लीडर हिड़मा, नागेश और अन्य द्वारा कैंप लगाने का इनपुट मिला था। जवान सर्चिंग से लौट रहे थे। इसी दौरान नक्सलियों ने एंबुश लगाकर जवानों को फंसा लिया था। जवानों और नक्सलियों के बीच करीब साढ़े 3 घंटे तक मुठभेड़ चली। इसके बाद जवान अलग-अलग समूह में कैंप वापस लौटे। इनमें से 17 जवान लापता थे। रविवार सुबह से सीआरपीएफ और सुरक्षाबल के दूसरे जवान सर्चिंग के लिए निकले थे। इसी दौरान लापता जवानों की बॉडी रिकवर की गई।
छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने रविवार को राजधानी रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल पहुंचकर वहां इलाज के लिए दाखिल जवानों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य का हालचाल जाना। जवान बीते शनिवार को सुकमा के पास हुई नक्सल मुठभेड़ में घायल हो गए थे। सीएम ने जवानों को बेहतर से बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश डॉक्टरों को दिए हैं। मुठभेड़ में घायल 15 जवानों का इलाज राजधानी रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल में चल रहा है, जिसमें दो जवान गंभीर हैं। इसके अलावा 13 जवानों की स्थिति सामान्य बताई जा रही है।