कोरोना में उलझे यूरोप को होने लगा चीन की उदारता पर शक, हेल्थ डिप्लोमेसी के सहारे दुनिया पर अपनी पकड़ मज़बूत तो नहीं कर रही बीजिंग सरकार?!
समाचार एजेंसी न्यूज़ एसएम न्यूज़ के साथ
आजकल यूरोप के कुछ अधिकारियों को यह बात बहुत बुरी लग रही है कि जब दुनिया में कोरोना वायरस की महामारी फैली हुई है तो चीन हेल्थ डिप्लोमेसी की आड़ में अपना जियो पोलिटिकल प्रभाव बढ़ाने में व्यस्त है।
गत रविवार को फ़्रांस की यूरोपीय मामलों की राज्य मंत्री अमीली दी मोन्चालिन ने यहां तक कह दिया कि चीन और रूस अपनी अंतर्राष्ट्रीय सहायताओं को बहुत जता रहे हैं और इसका ग़लत फ़ायदा उठाने में लगे हैं।
गत 24 मार्च को यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री जोज़े बोरेल ने इस बात पर नाराज़गी जताई कि घटनाओं को पेश करने के तरीक़े पर अंतर्राष्ट्रीय होड़ शुरू हो गई है, उदारता की राजनीति और घटनाओं को तोड़ मरोड़ कर पेश करने जैसे तरीक़ों से वर्चस्व बनाने की प्रतिस्पर्धा चल रही है।
उन्होंने कहा कि आज यूरोप की छवि ख़राब करने की कोशिश की जा रही है तो इससे पहले चीन का हुबेई प्रांत कोरोना का केन्द्र था और हालात बेक़ाबू हो गए थे क्योंकि चीन की सत्ताधारी पार्टी ने बुनियादी जानकारियां छिपाई थीं। बैरेल ने कहा कि यूरोप ने चीन की मदद की थी जिस तरह आज चीन कर रहा है। उन्होंने कहा कि मेरे विचार में चीन बड़ी आक्रामकता के साथ यह संदेश भी देने की कोशिश कर रहा है कि वह अमरीका के बिल्कुल विपरीत भरोसेमंद और ज़िम्मेदार पार्टनर है।