मध्यपूर्व में हस्तक्षेप के लिए 9 ट्रिलियन डाॅलर ख़र्च करने के बजाए अमरीका को इन्हें अमरीकियों के उपचार पर खर्च करना चाहिए थाः मूसवी
समाचार एजेंसी न्यूज़ एसएम न्यूज़ के साथ
अमरीकी अधिकारियों के हस्तक्षेपपूर्ण बयान पर ईरान के विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।सैयद अब्बास मूसवी ने कहा है कि कोरोना से मुक़ाबले के लिए ईरान की ओर से उठाए जाने वाले क़दमों में बारे में अमरीकी सरकार को किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।अब्बास मूसवी का कहना है कि एसी स्थिति में कि जब अमरीका में कोरोना वायरस से प्रभावित होने वालों की संख्या बहुत तेज़ी से बढ़ रही है और इसे रोकने में अमरीकी सरकार नाकाम रही है, इन परिस्थितियों में अमरीकी अधिकारियों को ईरान विरोधी लाॅबी और धोखेबाज़ लोगों द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली जानकारियों के बारे में अपने विचार व्यक्त करने से बचना चाहिए।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि स्वयं अमरीकी अधिकारियों ने यह बात स्वीकार की है कि वाइट हाउस ने मध्यपूर्व में हस्तक्षेप के उद्देश्य से अबतक कम से कम 9 ट्रिलियन डाॅलर ख़र्च किये हैं। अब्बास मूसवी ने कहा कि अगर यह पैसा अगर अमरीकी जनता पर ख़र्च किया जाता तो हम चिकित्सा उपकरणों की कमी के कारण नर्सों के आंसू और बीमारों को रोते-बिलखते नहीं देखते। उन्होंने कहा कि अमरीका के अमानवीय प्रतिबंधों के बावजूद इस्लामी गणतंत्र ईरान के सभी संगठन और संघ, मिलकर कोरोना वायरस से मुक़ाबले में जनता का साथ दे रहे हैं।
ज्ञात रहे कि अमरीकी विदेशमंत्री माइक पोम्पियो ने तेहरान के विरुद्ध वाशिग्टन के अमानवीय प्रतिबंधों का औचित्य दिखाने के उद्देश्य से दावा किया है कि कोरोना से मुक़ाबले के बहाने ईरान, अपने ऊपर लगे प्रतिबंधों को हटवाना चाहता है और साथ ही अपनी सीज़ संपत्तियों को आज़ाद कराने के चक्कर में है। दूसरी ओर अमरीका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोरगन ओरटाग्स ने सोवार को ट्वीट करके ईरानी अधिकारियों के लिए “झूठे” शब्द का प्रयोग किया।