भारतीय लोक साहित्य का पर्याय है लाही महोत्सव :राजू भैया

शमीम अंसारी बाराबंकी

मां आदिशक्ति मंदिर पर आयोजित होने वाला तीन दिवसीय लाही महोत्सव हुआ संपन्न, भंडारे में हजारों ने ग्रहण किया प्रसाद

हैदरगढ़ बाराबंकी ।मां आदिशक्ति भवानी के दरबार पर आयोजित होने वाला तीन दिवसीय लाही महोत्सव लोक संगीत, लोक साहित्य एवं भारतीय संस्कृति का पर्याय है। जिसकी जितनी भी सराहना की जाए वह कम है। उक्त बात सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण कुमार द्विवेदी (राजू भैया) ने तीन दिवसीय महोत्सव के समापन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए कही।इस दौरान मां आदिशक्ति सेवा समिति के द्वारा जय माता दी के जयकारों के बीच श्री भैया सहित अन्य गणमान्य जनों का भव्य स्वागत किया गया।

सामाजिक कार्यकर्ता राजू भैया ने कहा कि लोक साहित्य व लोक संस्कृति में रचा बसा यह तीन दिवसीय महोत्सव भारतीय संस्कृति की विरासत से हम सभी को परिचित कराता है। इसके लिए डॉक्टर विजय कुमार मिश्र जी सहित पूरी समिति बधाई की पात्र हैं। राजू भैया ने कहा कि इस वार्षिक उत्सव में लोक मनोरंजन से जुड़े हुए तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाती है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि मां आदिशक्ति सेवा समिति का मंच स्थानीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का अवसर प्रदान करता है। श्री भैया ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर यह व्यवस्था प्रतिभाओं को देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस मौके पर युवा भाजपा नेता सौरभ मिश्रा ने कहा कि आदिशक्ति जी के दरबार में तीन दिवसीय महोत्सव में आकर मुझे अति प्रसन्नता हुई है। आज भी ग्रामीण अंचल पर आयोजित होने वाले मेले व उत्सव प्रासंगिक है। क्योंकि ऐसे आयोजन लोगों को आपस में मिलाकर आनंददायक समाज का निर्माण करते हैं । इस दौरान राजकुमार सोनी, शिवम सोनी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए ।आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत प्रबंधक डॉक्टर विजय कुमार मिश्रा के द्वारा अंग वस्त्र देकर किया गया। महोत्सव मंच का संचालन सतीश मिश्रा व उदय प्रेमी ने किया।

खास बात यह थी कि तीनों दिन स्थानीय कलाकारों के द्वारा एक से बढ़कर एक मंचीय प्रस्तुतियां दी गई। जिसे देखकर लोग बरबस ही भाव विभोर हो गए। इस अवसर पर आदि शक्ति सेवा समिति के तत्वाधान में मां आदिशक्ति भवानी मंदिर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। तीन दिवसीय लाही महोत्सव प्रमुख रूप से प्रबंधक डॉक्टर विजय कुमार मिश्रा, अध्यक्ष उदयपुर मिश्र प्रेमी, सतीश कुमार मिश्रा, संयोजक रामशंकर मिश्र ,राम सिंह बाबूजी, दिनेश कुमार, राकेश कुमार, रामदेव राजपूत, आत्माराम द्विवेदी, उदय राज द्विवेदी ,राम पलटन, सरोज कुमार, कुलदीप मिश्रा, रामविलास सोनी, सुरेश कुमार, अनुराग कुमार,शैलेंद्र सोनी, पुजारी बाबा सहित सैंकड़ों लोग उपस्थित थे।

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