अरे ये क्या……लड़कियों को नहीं लड़कों को ज्यादा काटता है डेंगू का मच्छर

नई दिल्ली । डेंगू का मच्‍छर लड़कियों से ज्‍यादा लड़कों को काटता है। ए‍क इंडियन रिसर्च स्‍टडी में जानकारी सामने आई है। हाल ही में एक हेल्‍थ मैग्जीन में छपी ए‍क रिसर्च के मुताबिक भारत में लड़कियों के मुकाबले लड़कों में एडीज मच्‍छर के काटने और डेंगू होने की संभावना ज्‍यादा है। रिसर्च में रेंडमली शामिल किए गए बच्‍चों में देखा गया कि डेंगू वायरस के संक्रमण का अनुपात लड़कों और लड़कियों में 3.4 :1 का देखा गया। इतना ही नहीं जिस उम्र में लड़कों को डेंगू होने की आंशका सबसे ज्‍यादा देखी गई, वह उम्र भी 8 से 11 साल के बीच की उम्र थी। इस बारे में बॉर्न डिजीज के नोडल अधिकारी रह चुके रिटायर्ड डॉ.सतपाल बताते हैं कि आमतौर पर बारिश का मौसम शुरू होने के बाद जुलाई से लेकर नवंबर तक डेंगू का पीक सीजन होता है, हालांकि साफ पानी का स्‍टोरेज किसी भी महीने में और कहीं भी होने पर वहां डेंगू के मच्‍छर का लार्वा पनपने की संभावना होती है और यही वजह है कि इन महीनों के अलावा भी डेंगू के मामले देखे गए हैं। जहां तक लड़कों को लड़कियों से ज्‍यादा डेंगू एक्‍सपोजर होने की आशंका की बात है तब ऐसा होना संभव है। हालांकि इसके पीछे कोई बायोलॉजिकल कारण नहीं है लेकिन स्‍ट्रॉंग इनवायरमेंटल और सोसियोलॉजिकल कारण है। यह बीमारी भी वातावरण जनित है। यह पानी में पैदा होने वाले मच्‍छरों के काटने से होती है। अगर वातावरण को ठीक कर लिया जाए तब इस बीमारी से बचा जा सकता है। वहीं दूसरा फैक्‍टर है कपड़े है। भारत में लड़कियां और लड़कों के कपड़ों में भी थोड़ा अंतर है। सिर्फ बड़े शहरों को छोड़ दें तब गांव, देहात, कस्‍बों और छोटे शहरों में लड़कियां लड़कों के मुकाबले ज्‍यादा ढके हुए कपड़े पहनती हैं, जिसका फायदा यह होता है कि मच्‍छरों का एक्‍सपोजर कम होता है। जबकि लड़कों का पहनावा भी मच्‍छरों के लिए अनुकूल होता है।

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