लखनऊ के बाद अब बाराबंकी जमुरिया नाले के किनारे चला बुलडोजर

लखनऊ अकबर नगर के बाद अब बाराबंकी जमुरिया नाले के किनारे ग्रीन बेल्ट में आए मकान पर चला बुलडोजर अतिक्रमण जिला बाराबंकी में जमुरिया नाले के स्थित आए हुए ग्रीन बेल्ट के मकान दस्त करने की कार्रवाई चल रही है कुछ लोग ऐसे भी हैं अपने मकान खुद पर खुद गिरवा रहे हैं ताकि उन पर बुलडोजर ना चले ऐसा प्रशासन कभी कहना है
अपनी जमीन या जगह से आगे बढ़ाई हुई जगह फुटपाथ या सड़क  के किनारे जमीन  पर नाजायज कब्जा अतिक्रमण  कहलाता है।
बाराबंकी  मे जमुरिया नाले के किनारे अवैध निर्माण  को हटाने के लिए  बुलडोजर  चल रहे हैं  साथ ही जमुरिया नाले की सफाई  हो रही है और सिल्ट (कचरा) को नाले के किनारे ही डाला जा रहा है,जिन लोगों  ने जमीन खरीदी,रजिस्ट्री  करवाई, सरकार को लाखों रुपये  का रेवेन्यू  दिया,दाखिल खारिज  करवाया ,क्या  उस वक्त  खरीदार  को बताया गया  कि यह जमीन यहां  से न खरीदी जाए ? अब लोगों  के घर तोड़े जा रहे हैं  तो क्या  सरकार कोई मुआवजा  देगी ? या जिनके घर टूट रहे हैं  उनको कहीं  रहने की जगह देगी?
बशीर बद्र  का शेर ….
लोग लुट जाते हैं  एक घर बनाने मे
तुम तरस नही खाते  हो बस्तियां (जलाने) गिराने मे।
अतिक्रमण  हटाना, सड़को नालो को चौड़ा  करना,शहर को साफ सुथरा कराना यह अच्छी  बात है लेकिन गरीबों, बेसहारा लोगों को बेघर  कर देना, कतई अच्छा  नही है।
जानता  वही है जो इसको ढोता है,
कितना भारी गरीबी का बोझ होता है।

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