पीड़िता की जमीन पर कब्जा कर रहा दबंग पड़ोसी, जान से मारने की दे रहा धमकी, शिकायत के बावजूद पीड़िता को नहीं मिल रहा न्याय
बाराबंकी मामला हैदरगढ़ कोतवाली क्षेत्र के भैरमपुर मजरे भिखरा गांव का है जहाँ पीड़िता मंजूलता रावत को उसका दबंग पड़ोसी परेशान कर रहा है और उसकी जमीन पर कब्जा करने के बावजूद उसको वहाँ न रहने के लिये कह रहा है, इस मामले में विवाद की जड़ बेसहारा मंजूलता रावत की जमीन है जिस पर उसके पड़ोसी किरसन व उनके भाई सुन्दर पुत्र रामदयाल और किरसन का पुत्र पंकज ने मिलकर अपना मकान बनाते समय मंजूलता रावत की जमीन पर लगभग एक मीटर से ज्यादा जमीन पर अवैध कब्जा कर नींव भर दी और उस पर दीवार खड़ी कर लिंटर भी डाल दिया इसके बावजूद पड़ोसी यहीं नहीं रुका बल्कि पीड़िता की ही जमीन पर शौचालय भी बना लिया और उसका आने जाने का एकमात्र रास्ता भी बंद कर दिया और बांस लगाकर बैरिकेटिंग कर दी, पीड़िता के पति ने दूसरी शादी कर ली है और दिल्ली में निवास करता है और कभी नहीं आता है, जिसका पड़ोसी ने जमकर फायदा उठाया और अवैध कब्जा करने के बाद भी नहीं रुका, पीड़िता ने इसकी शिकायत भी हैदरगढ़ कोतवाली में की लेकिन कार्यवाही कुछ नहीं हुई, इसके बाद पीड़िता के मुताबिक हद तो तब हो गई जब पीड़िता की जमीन पर लगा यूकेलिप्टस का पेड़ उसके विपक्षी ने काट लिया और विरोध करने पर हाथ पैर तोड़ देने और जान से मारने की धमकी भी देने लगा जिस संबंध में पीड़िता ने आपातकालीन सेवा 112 डायल कर पुलिस बुलाई और पुलिस ने विपक्षी को डांट फटकार कर काम बंद करा दिया था, पीड़िता थाने गई और प्रार्थना पत्र दिया तब थाने की पुलिस ने विपक्षी को थाने बुलाकर डांटा फटकारा और प्रार्थिनी जब शाम को 6 बजे अपने घर वापस भैरमपुर पहुंची तो विपक्षी जन उसको गंदी गंदी गालियाँ देने लगे और जब पीड़िता ने विरोध किया तो विपक्षियों ने उसको दौड़ा लिया और जब वो विवाद से बचने के लिए अपने घर चली गई तो विपक्षियों ने उसके घर में घुसकर लात घूंसो से मारा पीटा और जान से मारने की धमकी दी और दोबारा दिखाई देने पर इसका अंजाम भुगतने की धमकी दी, इस संबंध में पीड़िता का कहना है कि गांव के लोगों और प्रधान को बुलाकर न्याय दिलाने की गुहार की गई लेकिन किसी ने उसका साथ नहीं दिया क्योंकि उसका पड़ोसी दबंग किस्म का है तो सब उसी के पक्ष में बात करते हैं! इस संबंध में जब ग्राम प्रधान प्रतिनिधि नीरज सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि हमने मौके पर जाकर विवाद को शांत करा दिया था और मंजूलता की जमीन पर पिलर गड़वाकर उसकी जगह निश्चित कर दी थी लेकिन हमारे वहाँ से निकल जाने के तुरंत बाद उसके पड़ोसी ने पिलर उखाड़कर फेंक दिया और हमारी बात नहीं मानी! आपको बता दें कि इस संबंध में पीड़िता का ये भी कहना है कि उसने हैदरगढ़ कोतवाली में 3 मई व 4 मई 2024 को FIR दर्ज कर पड़ोसी पर कार्यवाही करने और अपनी जमीन को वापस दिलाने के लिये शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था लेकिन आज तक कोई खास कार्यवाही नहीं हुई जिसके बाद एक प्रार्थना पत्र पुनः 28/05/24 को हैदरगढ़ कोतवाली में दिया लेकिन कार्यवाही नहीं हुई! आपको बता दें कि पीड़िता मंजूलता रावत हृदय रोग से पीड़िता है और न्याय न मिलने पर कोई भी घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता, पीड़िता का कहना है कि अगर उसको कुछ हो गया तो इसकी जिम्मेदारी उसके विपक्षी की होगी ये बात उसने पुलिस को दिये प्रार्थना पत्र में अवगत करा दी है! अब देखना है कि इस मामले में हैदरगढ़ पुलिस FIR दर्ज कर पीड़िता को न्याय दिला पाती है या नहीं या फिर पीड़िता को न्याय के लिये ऐसे ही दर दर की ठोकरें खाते हुये भटकना पड़ेगा!
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मुख्यमंत्री पोर्टल और राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत के बाद भी पीड़िता को नहीं मिला न्याय
पीड़िता मंजूलता रावत को जब कई बार स्थानीय पुलिस से शिकायत के बाद भी न्याय नहीं मिला तो उसने 4 मई 2024 को आनलाइन शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल और राष्ट्रीय महिला आयोग से की लेकिन वहाँ भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई! इससे पूर्व पीड़िता ने काफी बार स्थानीय पुलिस से मदद मांगी लेकिन उसको न्याय नहीं मिल सका! पीड़िता का आरोप है कि उसके विपक्षी ने पुलिस से सांठगांठ कर रखी है जिस वजह से पुलिस पीड़िता की मदद नहीं कर रही!