साकार हरि पर फूटा लोगों का गुस्सा: हादसा यादकर आंखों में छाया मौतों का मंजर, बाबा के होर्डिंग्स पर बरसाए पत्थर

यूपी के हाथरस में बुधवार की दोपहर भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई। इसमें 121 लोगों की जान चली गई। जबकि 150 से अधिक लोग घायल हैं। कासगंज जिले से सत्संग में गए 10 लोगों की जान चली गई। जबकि, आठ लोग घायल हैं। लोग अपनों की मौत भुला नहीं पा रहे हैं। वह घटनास्थल पर पहुंचे, तो मौतों का मंजर उनकी आंखों के सामने छा गया। अपनों या जानने वालों की मौत को याद करके घरवाले गुस्से से फफक पड़े। मैदान में लगे बाबा के होर्डिंग्स और बैनरों पर आसपास पड़े पत्थरों की बारिश करने लगे। उन्हें लगा शायद ऐसा करके उनके मन को कुछ तो शांति मिलेगी। लेकिन, शांति कहां थी वह तो अपनों की मौत के साथ छिन चुकी थी। वह गुस्से से पागल दिखे। बाबा पर आस्था की बजाय उनका आक्रोश बढ़ गया है।

बाबा का नाम मुकदमे में क्यों नहीं? कौन हैं सेवादार… अफसरों के सामने गूंजते रहे ये सवाल

हाथरस के सिंकदराराऊ क्षेत्र के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में मंगलवार को नारायण साकार हरि महाराज उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में हुई 121 लोगों की मौत के लिए फिलहाल बाबा के सेवादार, निजी सुरक्षा कर्मी और आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया है। चाहें आयोजन की अनुमति देने वाले एसडीएम की रिपोर्ट हो या फिर सिंकदराराऊ थाने में दर्ज मुकदमा। इन दोनों ही रिपोर्ट में भगदड़ के लिए इन्हें ही जिम्मेदार माना जा रहा है। वहीं, आयोजकों को इसके लिए दोषी माना गया है कि उन्होंने पूर्व के सत्संगों में जुटने वाली भीड़ की स्थिति को छिपाते हुए केवल 80000 की भीड़ इकट्ठा होने की अनुमति मांगी थी। फिलहाल शासन स्तर से अफसरों को भी क्लीन चिट दे दी गई है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब प्रशासन को पता था कि अस्सी हजार की भीड़ जुटेगी तो उस तरह से इंतजाम क्यों नहीं हुए। इन सवालों का जवाब अभी तक कोई नहीं दे पाया है।

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