नज़र आया माह ए मुहर्रम का चांद शिया मुसलमानों में शोक की लहर

मुकीम अहमद अंसारी

बदायूँ। आज इतवार की शाम 5 बजे लगाया गया शिया कर्बला क़ाज़ी हौज़ पर परचम। कर्बला के शहीदों की याद में मनाए जाने वाले गमी के महीना मुहर्रम की शुरुआत हो गई। आज इतवार की शाम से अज़ादारी ए इमाम हुसैन अ.स के दौर का आगाज़ शिया कर्बला क़ाज़ी हौज़, बदायूँ में परचम ख़ुशयी और मर्सिया, मातम करके कर्बला के शहीदों को याद किया और वक़्त के इमाम, हज़रत इमाम मोहम्मद मेहंदी अ.स को उनके जद ए अमजद का पुरसा पेश किया। शिया समुदाय ने अपने घरों पर काले परचम लगाकर ऐलान ए गम किया। मुहर्रम कोई त्योहार नही हैं। हुसैनी सोगवार काले कपड़े पहनकर और घरों, इमामबाड़ों, करबला पर परचम लगाकर दुनिया को ये पैग़ाम देते हैं कि हम लोग ज़ालिम के साथी नही मज़लूम के साथी हैं। मुहर्रम 1400 वर्षो से आतंकवाद के ख़िलाफ़ आन्दोलन का नाम हैं।

इस मौके पर, ग़ुलाम अब्बास, इक़रार अहमद ज़ैदी, नवेद, कैफ़ी ज़ैदी, एनफ रिज़वान तमाम शिया समुदाय आदि मौजूद रहे।

रिपोर्ट- मुकीम अहमद अंसारी

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