बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट, व्यक्ति दोषी भी….तब भी घर नहीं गिराया जा सकता

समाचार एजेंसी न्युज एसएम न्युज24 टाइम्स सुपर फास्ट मिडिया के साथ

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर मामलों की सुनवाई सोमवार से शुरू हो गई। जस्टिस गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें पेश कीं। सॉलिसिटर जनरल मेहता ने बताया कि जो कार्रवाई की गई है, वह नगर-निगम और नगरपालिका के कानून के अनुसार ही की गई है। उन्होंने बताया कि अवैध कब्जे के मामलों में म्युनिसिपल संस्थाओं द्वारा नोटिस देने के बाद ही कार्रवाई हुई है। जस्टिस विश्वनाथन ने केंद्र सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है।

शीर्ष अदालत ने नोटिस, कार्रवाई और अन्य आरोपों पर मोदी सरकार को उत्तर देने के निर्देश दिए हैं। मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल खड़े कर कहा कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के घर को गिराना उचित नहीं है। अदालत ने शासन और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाकर कहा कि अगर कोई व्यक्ति दोषी भी है,तब भी घर को गिराया नहीं जा सकता। सॉलिसिटर जनरल मेहता ने इस बात को स्वीकार कर कहा कि अपराध में दोषी साबित होने पर भी घर नहीं गिराया जा सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिनके खिलाफ कार्रवाई हुई है, वे अवैध कब्जे या निर्माण के कारण निशाने पर हैं, न कि अपराध के आरोप की वजह से हुई है। जमीयत उलेमा ए हिन्द ने याचिका दाखिल कर सरकारों द्वारा आरोपियों के घरों पर मनमाने ढंग से बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में यूपी, मध्यप्रदेश और राजस्थान में हाल में हुई बुलडोजर कार्रवाइयों का उल्लेख करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया गया है। याचिका पर की गई थी जल्द सुनवाई की हुई थी मांग वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी। याचिका जहांगीरपुरी मामले में वकील फरूख रशीद द्वारा दाखिल की गई थी। याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकारें हाशिए पर मौजूद लोगों, खासकर अल्पसंख्यकों के खिलाफ दमन चक्र चलाकर उनके घरों और संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे पीड़ितों को कानूनी उपाय करने का मौका नहीं मिलता। एमेनेस्टी इंटरनेशनल की फरवरी 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2022 से जून 2023 के बीच दिल्ली, असम, गुजरात, मध्यप्रदेश और यूपी में सांप्रदायिक हिंसा के बाद 128 संपत्तियों को बुलडोजर से ढहा गया। मध्यप्रदेश में एक आरोपी के पिता की संपत्ति पर बुलडोजर चलवा दिया गया, और मुरादाबाद तथा बरेली में भी बुलडोजर से संपत्तियां ढहाई गईं। हाल ही में, राजस्थान के उदयपुर जिले में राशिद खान का घर भी बुलडोजर से गिरा दिया गया, जिसमें उनके 15 वर्षीय बेटे पर स्कूल में अपने सहपाठी को चाकू से गोदने का आरोप था।

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