चीन से लेकर बुल्गारिया तक सजती है दुल्हनों की मंडियां

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सोफिया। दुनिया में ऐसे भी देश है जहां अनाज और सब्जी की मंडियों की तरह दुल्हन की मंडियां भी सजती है। जी हां, यह बिल्कुल सच है, चीन से लेकर बुल्गारिया तक में ऐसी मंडियां सजती हैं, जहां पर लोग अपने लिए दुल्हन खरीदने जाते हैं। लेकिन बुल्गारिया का ब्राइड मार्केट दुनियाभर में मशहूर है। यहां लोग घूम-घूमकर अपनी पंसद की बीवी तलाशते हैं।बुल्गारिया में स्तारा जागोर नाम की एक जगह है, जहां पर दुल्हन का बाजार लगता है। इस जगह को जिप्सी ब्राइड मार्केट के नाम से भी जाना जाता है। इस जगह पर मर्द अपने परिवार के साथ आता है और अपने लिए पसंद की लड़की चुनता है। वहीं, लड़कियां भी मर्दों को रिझाने के लिए मेकअप करती हैं, काजल लगाती हैं और चमकदार आभूषण, ऊंची एड़ी और मिनी स्कर्ट पहनती हैं। इसके बाद लड़के को जो लड़की पसंद आती है, उसकी मोल-मोलाई की जाती है। लड़की के घरवाले जब दिए जा रहे दाम से संतुष्ट हो जाते हैं, तब उस कीमत में अपनी बेटी को लड़के के हवाले कर देते हैं। लड़का उस लड़की को घर ले आता है और उसे अपनी पत्नी का दर्जा दे देता है। इस बाजार का आयोजन कलैदजी समुदाय के लोग करते हैं, जिसमें समुदाय के गरीब लोग अपनी बेटियों को बेचने आते हैं। आमतौर पर शादियों में काफी खर्च होता है। ऐसे परिवार जो अपनी बेटी की शादी नहीं करवा पाते, वो इस मंडी में अपनी बेटी को ले कर जाते हैं। इसके बाद अपनी बहू के लिए लड़के वाले आते हैं और पसंद की लड़की को चुन लेते हैं। लड़की के घरवालों के हिसाब से पैसे देकर वो अपने लिए दुल्हन को खरीद लेते हैं। ये प्रथा बुल्गारिया में सालों से चली आ रही है। इस बाजार को लगाने के लिए सरकार भी इजाजत नहीं देती है, लेकिन इसके बावजूद लोग नहीं मानते हैं। ये परंपरा सदियों से चली आ रही है।बुल्गारिया में दुल्हन के बाजार में लड़कियों के कीमत को अलग-अलग पैमानों पर तय किया जाता है। जो लड़की वर्जिन होती है, उसकी कीमत सबसे ज्यादा होती है। वहीं, तलाकशुदा या गैर-कुंवारी महिलाओं को कम कीमत पर बेचा जाता है। इस समुदाय की लड़कियों को किसी पुरुष से मिलने की अनुमति नहीं होती है। अगर उन्हें किसी मर्द से मिलना है, तो इसके परिवार की मर्जी जरूरी है। इतना ही नहीं, समुदाय की महिलाओं को डेट करने की भी अनुमति नहीं है। बता दें कि इस बाजार के कुछ उसूल हैं, जैसे कि कलैदजी समुदाय के लोग ही अपनी बेटियों को बेचते हैं और इसी समुदाय के लोग उन्हें खरीद सकते हैं। साथ ही लड़की वालों का गरीब होना भी जरुरी है। आर्थिक रूप से मजबूत परिवार अपनी बेटी को नहीं बेच सकते।

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