चेहरे पर निश्चल मुस्कान के साथ हर जिम्मेदारी को चुटकी में हल करते हैं जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार
आम आदमी को मिलकर लगते हैं अपने! मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप पूरा कर रहे हैं वंचितों के सपने
बाराबंकी। चेहरे पर निश्चल मुस्कान, दूरदर्शी सकारात्मक सोच हर, व्यक्ति से अपनेपन की मुलाकात और कर्तव्यबद्धता के सद्गुणों से पूरी तरह परिपूर्ण। जी हां कुछ ऐसे ही हैं बाराबंकी के सर्वगुण संपन्न जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार। संभवत उपरोक्त व्यक्तित्व को आत्मसात करने वाले जिलाधिकारी की यही खूबी है कि वह आज बाराबंकी जनमानस के लिए एक सुलभ व सरल प्रशासनिक अधिकारी के रूप में आम आवाम के दिलों में “अपने डीएम सत्येंद्र” के रूप में भावनात्मक स्थान बना चुके हैं।
बाराबंकी के जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार। जिन्होंने बाराबंकी में जिलाधिकारी के पदभार को संभालने के बाद एक डीएम को आवाम के लिए किस प्रकार से सुलभ रहना चाहिए। यह अपने कर्तव्य व समर्पण पालन से उन्होंने सिद्ध कर दिया है। जिस समय जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बाराबंकी की बागडोर संभाली थी। उससे पूर्व जिलाधिकारी का पद आम व्यक्ति के लिए बहुत दूर का पद हो चुका था? एक सभ्य समाज में कार्य करने वाले सभी सामाजिक अंगों के लिए जिलाधिकारी का दर्शन मुश्किल ही नहीं! बल्कि नामुमकिन था? लेकिन सत्येंद्र कुमार ने ऐसी सभी मनोधारणाओं को अपने कर्तव्य पालन से खत्म कर दिया। जनचर्चा के मुताबिक जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के सामने चाहे जितनी बड़ी कोई प्रशासनिक बाधा सामने आए। वह हंसते मुस्कुराते चेहरे के साथ उसे चुटकी में हल कर जाते हैं। वे लापरवाह अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियो की क्लास भी ऐसे लेते हैं कि वह कार्यवाही भी उन्हें डीएम साहब की ओर से जोर से दिया गया झटका- धीरे से लगती है? किसी फरियादी की फरियाद को गाड़ी से उतरकर सुनना, तत्काल उस पर कार्यवाही के आदेश देना एवं जनता दर्शन में परेशान लोगों की समस्याओं को सुनना यह सत्येंद्र कुमार की पहचान बन चुका है!
सत्येंद्र कुमार जिलाधिकारी के रूप में जब भी तहसीलों अथवा थाना दिवसों में जाते हैं। तो उनका पूरा प्रयास रहता है कि वह आम आदमी की शिकायत को सीधे सुने और उस शिकायत का सुखद अथवा त्वरित निस्तारण भी हो? ऐसा नहीं है कि जिलाधिकारी सरल ही है! अलबत्ता वे सख्त भी है। उनके सामने जब किसी भी अधीनस्थ अधिकारी अथवा कर्मचारियों की शिकायत खुलकर सामने आ जाती है। तो वह तत्काल उसके विरुद्ध कार्यवाही करते हैं। यदि बाराबंकी में एक युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान पर नजर डाली जाए तो! इस मामले में यदि जिलाधिकारी को देश स्तर पर सम्मानित किया गया है। तो इसमें भी सत्येंद्र कुमार ने मादक तस्करों व कई सफेदपोश धंधेबाजो का साम्राज्य इस तरह से तहस-नहस किया है कि वह आज जमीदोज होकर रह गए हैं! जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कप्तान दिनेश कुमार सिंह के साथ मिलकर के बाराबंकी जनपद के विभिन्न इलाकों में मादक तस्करी करने वाले तस्करों के बड़े-बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, मकानों, खलिहानों को कुर्क करके उनकी कमर तोड़ डाली है। यही नहीं उन्होंने जालसाजी और ठगी करने वालो को भी कार्यवाही के कोड़ों से बेहाल कर दिया है ।
जिलाधिकारी की दृष्टि जनपद में होने वाले विकास कार्यों पर भी सटीक रूप से जमी रहती है। उनका प्रयास रहता है कि जनहित से जुड़ा कोई भी विकास कार्य पूरा होने से रह न जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की मंशा के अनुरूप जो भी विकास कार्य हैं ।उनकी लगातार समीक्षा करके उन्हें पूरा करने का जो अभियान बाराबंकी में चल रहा है। उसके पीछे भी सत्येंद्र ही मुख्य केंद्र के रूप में नजर आ रहे हैं। जनपद में कई ऐसे उद्योग जो धूल फांक रहे थे? उनको भी नए सिरे से खड़ा करने का प्रयास जारी है!
जिलाधिकारी स्वयं इस मामले में ऐसे कई स्थानो का दौरा भी कर चुके हैं। आज जनपद में रामसनेहीं घाट तथा हैदरगढ़ में जो औद्योगिक पार्क बनाए जाने हैं। उन पर भी जिलाधिकारी की कर्तव्यनिष्ठ दृष्टि जमी हुई है। सियासी तौर पर पक्ष हो या विपक्ष हर आवाज को जो जनहित में है। उसे महत्व देने में भी सत्येंद्र कुमार का कोई सानी नहीं है! जनचर्चा के मुताबिक काम नियमानुसार है तो डीएम साहब उसे पूरा करवाने का 100% प्रयास करते हैं! यदि सामने वाला नियम विरुद्ध है अथवा ढिठाई कर रहा है। तो उस पर भी वह सख्त प्रशासनिक अधिकारी के रूप में बरसते नजर आते हैं।
लोधेश्वर महादेव में बनने वाले कॉरिडोर की लगभग सभी समस्याओं को जिलाधिकारी खत्म कर चुके हैं? यही नहीं महादेवा एवं जनपद के अन्य जो भी धार्मिक स्थल है। जहां पर कई विकास कार्य हो रहे हैं। उनकी गुणवत्ता एवं समयबद्धता पर भी जिलाधिकारी गंभीर नजर आते हैं ।जनपद की चिकित्सीय व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के लिए अब तक सत्येंद्र कुमार ने कई बार अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया है। अस्पतालों में जो कमियां थी! उन्हें संसाधनों एवं सेवाओं के रूप में सुदृढ बनाने का काम भी डीएम के द्वारा आगे बढ़ाया गया है।
जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने सरकार की मंशा के अनुरूप विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए किसानों, नौजवानों एवं समाज के हर वर्ग को इस अभियान में जोड़ने के हर प्रयास को गति प्रदान की है। प्रगतिशील किसानों की फसलों को खेतों में जाकर देखना, किसानों से सीधे वार्ता करना, किसान पराली ना जलाएं! इसके लिए उन्हें जागरूक करना। ऐसे तमाम कार्य उनके द्वारा बाराबंकी जनपद में किए जा रहे हैं। मानवीय दुर्घटना हो अथवा दैवी आपदा। सत्येंद्र कुमार घटनास्थल पर पहुंचने में देर नहीं लगाते।
खास बात यह है कि सत्येंद्र कुमार के साथ कप्तान दिनेश कुमार सिंह भी कदम से कदम मिलाकर चलते नजर आते हैं। जिलाधिकारी की यह सोच रहती है कि कार्य परिणाम ऐसा हो। जिसमें जनहित और परहित की परिभाषा का सामर्थ्य फलीभूत हो। एक पत्रकार के रूप में मैं कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया स्पष्ट रूप से मानता हूं कि जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बाराबंकी में जिलाधिकारी का पदग्रहण करते समय पत्रकारों से भी अपने संबंधों को सहज किया है।क्योंकि उससे पूर्व यह संबंध संवादहीनता का शिकार हो गए थे। जनप्रतिनिधि हो अथवा कोई सामाजिक कार्यकर्ता, साहित्यकार, कलमकार या फिर कोई भी आम आदमी? उसकी हर बात को सुनने का जज्बा सत्येंद्र कुमार में नजर आता है!
फिलहाल उनका सर्वप्रथम पूजन भाव आम जनता की सेवा ही है ।अर्थात नर सेवा को ही नारायण सेवा मान आगे बढ़ने वाले बाराबंकी जिलाधिकारी की सार्वभौमिक कार्यशैली एवं उनके सरल व्यक्तित्व की छाप आज बाराबंकी जनपद के अधिकांश लोगों के हृदय में अपना एक अलग मजबूत स्थान बना चुकी है। तभी तो लोग बातचीत के दौरान चर्चा में बोल पड़ते हैं! निश्चल मुस्कुराहट व कर्तव्यबद्धता के केंद्र! “अपने जिलाधिकारी सत्येंद्र”।कृष्ण कुमार द्विवेदी (राजू भैया)