उत्तर प्रदेश की राजनीति की तरूणाई थे मुलायम सिंह यादव: राजनाथ
मामून अंसारी जिला ब्यूरो चीफ एसएम न्युज24 टाइम्स बाराबंकी
गांधी भवन में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मुलायम सिंह यादव की 85वीं जयंती पर समाजवादियों ने किया याद
बाराबंकी। मुलायम सिंह यादव ने समाजवाद को अपने जीवन में उतारा था। उन्होंने सही मायनो में लोहिया के ग़ैर कॉंग्रेसवाद को अमली जामा पहनाया। 1989 में मुलायम सिंह यादव ने जिस कॉंग्रेस को उत्तर प्रदेश से उखाड़ा वह आज तक देश में जड़ें नहीं जमा सकी। उनसे सहमत और असहमत हुआ जा सकता है पर उत्तर प्रदेश की राजनीति के वे नेता नहीं एक तरूणाई थे। उनके विरासत के उत्तराधिकारी और समाजवाद की मुखर आवाज़ उनके भाई शिवपाल सिंह यादव और पुत्र अखिलेश यादव ही हैं। यह बात गांधी भवन में पूर्व मुख्यमंत्री एवं रक्षा मंत्री रहे स्व. मुलायम सिंह यादव की 85वीं जयंती पर आयोजित स्मृति सभा की अध्यक्षता कर रहे समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा ने कही। श्री शर्मा ने कहा कि मुलायम सिंह यादव संसद में समाजवाद की मुखर आवाज़ थे। वह हमेशा पाकिस्तान को मित्र और चीन को दुश्मन देश मानते थे। भारत पाक महासंघ के हिमायती थे। उनकी नज़रों में समाजवाद सिर्फ विचार या सिद्धांत नहीं था। बल्कि एक आचरण था। उनका मानना था कि उसे जीवन में उतारकर ही समाज, देश, आदमी एवं उसकी समास्याओं को देखा जा सकता है। वह शोषणमुक्त समाज के लिए संघर्ष करना ही समाजवाद मानते थे। सभा के मुख्य वक्ता पूर्व विधायक सरवर अली खान ने बताया कि डॉ राम मनोहर लोहिया के समाजवाद के सपनों और उनकी विरासत को शिखर तक पहुंचाने में मुलायम सिंह यादव ने एक नायक की भूमिका निभाई। समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर, साथ चलने की खासियत के कारण ही इन्हें ‘नेताजी’ के नाम की उपाधि दी गई। मुलायम सिंह यादव वास्तव में जननेता थे। वह ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने समाजवादी पार्टी को जोड़कर रखा है। इस देश की राजनीति जब भी ऐसी कोई करवट लेगी, नेताजी बहुत याद आएंगे। इस मौके पर वाससिक रफीक वारसी, मृत्युंजय शर्मा, सत्यवान वर्मा, पाटेश्वरी प्रसाद, उमानाथ यादव, ज्ञान सिंह यादव, नीरज दूबे, अशोक जायसवाल, विजय कुमार सिंह मुन्ना, साकेत संत मौर्य, विनोद भारती, रणंजय शर्मा, तौफीक अहमद आदि लोग मौजूद रहे।मामून अंसारी जिला ब्यूरो चीफ एसएम न्युज24 टाइम्स बाराबंकी