आंखों की नमी चुरा रही ठंड, नजर हो रही धुंधली: डॉ.नारायण द्विवेदी लल्लन यादव जनाबास बाराबंकी

मामून अंसारी जिला ब्यूरो चीफ एसएम न्युज24 टाइम्स बाराबंकी

सुबेहा बाराबंकी।ठंडी हवा और प्रदूषण के कारण इस मौसम में आंखों की नमी खोने की समस्या आम हो गई है। इसके कारण आंखों में जख्म और लालिमा छाने लगी है। इससे कुछ लोगों की आंखों में धुंधलेपन की समस्या आ रही है।शैल सेवा संस्थान द्वारा संचालित कौटिल्य नेत्रालय में नेत्र ओपीडी में रोज करीब सैकड़ों मरीज परामर्श के लिए आते हैं। ठंड के दिनों में आंखों से पानी आने की समस्या व सूखेपन की समस्या के मरीज पहुंच रहे हैं जहां नेत्र परीक्षण अधिकारी डॉ नारायण द्विवेदी इन दिनों मरीजों की जांच कर उन्हें दवा-चश्मा उपलब्ध करा रहे हैं।छोटी-छोटी गलतियों के कारण आंखों में संक्रमण, खुजली, जलन की समस्या से नजर भी धुंधली हो सकती है, साथ ही किसी वस्तु को ध्यान से देखने में आंखों से पानी आने लगता है। यह समस्या पढ़ाई, टीवी व मोबाइल फोन देखने में ज्यादा होती है। ऐसे में आंखों में छोटी-छोटी समस्या को नजरअंदाज करने के बजाय विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।
आंखों में पानी आने की समस्या को नजरअंदाज न करें
आंखों से अगर अक्सर पानी निकल रहा हो तो इसको बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। इस समस्या को चिकित्सीय भाषा में गोम्बोस कहते हैं। ठंड के मौसम में अक्सर शुष्क हवा चलती है, साथ ही प्रदूषण का स्तर भी ऊंचा होता है, जो सीधे आंखों में लगता है। इसके अलावा अलाव व हीटर भी नमी को चुरा लेती है। इससे आंखों में जलन होने से आंखों पर बार-बार हाथ जाता है। आंखों को बार-बार रगड़ने से जख्म बन जाता है। इससे नजर बढ़ने की आशंका रहती है। ऐसे में आंखों से जब भी पानी आए तुरंत नेत्र विशेषज्ञ के पास जाकर जांच करानी चाहिए।
ठंड में आंखों का ऐसे करें बचाव
– हीटर के पास ज्यादा देर तक न बैठें।
-हेयर ड्रायर का प्रयोग करने से बचें।
-ब्लोअर की हवा सीधे लेने से बचना चाहिए।
-शुष्क हवा को रोकने के लिए परामर्श किया हुआ चश्मा पहनें।

-पढ़ते या कंप्यूटर आदि काम के दौरान हर घंटे पर ब्रेक लें।
-धूम्रपान से बचें।
-डॉक्टर की सलाह से आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें।

क्या बोले नेत्र परीक्षण अधिकारी

कौटिल्य नेत्रालय निकट कमेला चौराहा में इस मौसम में आंखों में सूखेपन की समस्या के मरीज पहुंच रहे हैं। मरीजों को शीतलहर में हीटर व अलाव आदि का अधिक प्रयोग न करने की सलाह दी जा रही है, साथ ही आई ड्राॅप उपलब्ध कराई जा रही है। ठंड में आंखों से नमी खोने की समस्या आम हो गई है।इसके बावजूद आंखों में होने वाली हर समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए,साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। -डॉ. नारायण द्विवेदी सीनियर नेत्र परीक्षण अधिकारी
सुबेहा बाराबंकी।ठंडी हवा और प्रदूषण के कारण इस मौसम में आंखों की नमी खोने की समस्या आम हो गई है। इसके कारण आंखों में जख्म और लालिमा छाने लगी है। इससे कुछ लोगों की आंखों में धुंधलेपन की समस्या आ रही है।शैल सेवा संस्थान द्वारा संचालित कौटिल्य नेत्रालय में नेत्र ओपीडी में रोज करीब सैकड़ों मरीज परामर्श के लिए आते हैं। ठंड के दिनों में आंखों से पानी आने की समस्या व सूखेपन की समस्या के मरीज पहुंच रहे हैं जहां नेत्र परीक्षण अधिकारी डॉ नारायण द्विवेदी इन दिनों मरीजों की जांच कर उन्हें दवा-चश्मा उपलब्ध करा रहे हैं।छोटी-छोटी गलतियों के कारण आंखों में संक्रमण, खुजली, जलन की समस्या से नजर भी धुंधली हो सकती है, साथ ही किसी वस्तु को ध्यान से देखने में आंखों से पानी आने लगता है। यह समस्या पढ़ाई, टीवी व मोबाइल फोन देखने में ज्यादा होती है। ऐसे में आंखों में छोटी-छोटी समस्या को नजरअंदाज करने के बजाय विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।
आंखों में पानी आने की समस्या को नजरअंदाज न करें
आंखों से अगर अक्सर पानी निकल रहा हो तो इसको बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। इस समस्या को चिकित्सीय भाषा में गोम्बोस कहते हैं। ठंड के मौसम में अक्सर शुष्क हवा चलती है, साथ ही प्रदूषण का स्तर भी ऊंचा होता है, जो सीधे आंखों में लगता है। इसके अलावा अलाव व हीटर भी नमी को चुरा लेती है। इससे आंखों में जलन होने से आंखों पर बार-बार हाथ जाता है। आंखों को बार-बार रगड़ने से जख्म बन जाता है। इससे नजर बढ़ने की आशंका रहती है। ऐसे में आंखों से जब भी पानी आए तुरंत नेत्र विशेषज्ञ के पास जाकर जांच करानी चाहिए।
मामून अंसारी जिला ब्यूरो चीफ एसएम न्युज24 टाइम्स बाराबंकी

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