वनदरोंगा की डिग्गी में संदिग्ध परिस्थितियों में मिले सियार का शव,

मुकीम अहमद अंसारी

चिकित्सीय पैनल की जांच में एक्सीडेंटल मिला,
शव पर गोली का कोई भी निशान नहीं मिला,

सहसवान, बदायूं। पशु प्रेमी संजीव कुमार पुत्र राम किशोर निवासी ग्राम सिरसौली थाना उझानी प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली को 12 जनवरी को प्रेषित प्रार्थना पत्र में वनदरोंगा विजय कुमार द्वारा अपने चार पहिया वाहन से जंगल से प्रतिबंधित पशु का शिकार कर लाने का आरोप लगाते हुए शिकार को डिग्गी की गाड़ी में बताते हुए स्थानीय पुलिस तथा डायल 112 पुलिस को वन क्षेत्र अधिकारी कार्यालय पहुंचकर सूचना दी थी जिस पर डायल 112 तथा स्थानीय पुलिस के अलावा एक्सपर्ट टीम भी पहुंच गई थी मामले की सूचना मिलते ही प्रभागीय निदेशक प्रमोद कुमार वर्मा भी मौके पर पहुंच गए उन्होंने भी घटनास्थल का मौका मैने किया जिस पर प्रभागीय निदेशक ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर बन दरोगा की गाड़ी में मिले सियार के शव का पैनल के द्वारा चिकित्सीय परीक्षण कराए जाने के लिए पत्र लिखा जिस पर उपमुख पशु चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में गठित तीन चिकित्सीय टीमों ने संदिग्ध परिस्थितियों में मिले सियार के शव का पोस्टमार्टम किया बंद लिफाफे में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से प्रभागीय निदेशक को सौंप दी।
प्रभागीय निदेशक प्रमोद कुमार बर्मा ने मृतक सियार के शव का पोस्टमार्टम रिपोर्ट का खुलासा करते हुए बताया की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक सियार का शब एक्सीडेंटल पाया गया तथा उसके शरीर पर कोई भी गोली के निशान या कोई भी उसके शरीर के अंदर गोली नहीं पाई गई जिससे उपरोक्त सियार का शिकार करके लाया गया हो। प्रभागीय निदेशक ने बताया कि वह फिर भी मामले की जांच स्वयं कर रहे हैं जो भी दोषी होगा उसके साथ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञात रहे पशु प्रेमी संजीव कुमार पुत्र रामकिशोर ने 12 जनवरी को थाना पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर बताया था की रात 12:15 बजे के लगभग उनके फोन पर किसी ने कॉल करके बताया था वन दरोगा विजय कुमार किसी प्रतिबंधित पशु का शिकार करके अपनी कार में कार्यालय पर ले गया है और शिकार उसकी गाड़ी की डिग्गी में रखा हुआ है हम लोग भी अपने साथी पशु प्रेमी वीकेंनदर शर्मा, विभोर शर्मा, श्याम शर्मा, के साथ सामाजिक वानिकी कार्यालय सहसवान तड़के सुबह पहुंच गए जहां डायल 112 पुलिस तथा सहसवान कोतवाली पुलिस को मौके पर बुला लिया एवं वन दरोगा विजय कुमार को मौके पर बुलाकर गाड़ी की जब डिग्गी खुलवाई तो उसमें एक कट्टा खून से लथपथ रखा हुआ था जिसे खुलवा कर देखा गया तो उसमें कटा हुआ सियार का शब मौजूद था पशु प्रेमी संजीव कुमार ने थाना कोतवाली पुलिस से उपरोक्त आरोपी वन दरोगा विजय कुमार के विरुद्ध वन संरक्षण अधिनियम तथा अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने के लिए भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में अपराध पंजीकृत किए जाने की मांग की थी। मामले की जांच थाना कोतवाली पुलिस कर रही है इस बाबत प्रभागीय निदेशक प्रमोद कुमार वर्मा द्वारा उपमुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर कर्मवीर राज सिंह दहगवां चिकित्सा अधिकारी डॉ विजय कुमार राठौर तथा पशु चिकित्साधिकारी उझानी पशु चिकित्साधिकारी डॉक्टर विवेक माहेश्वरी के पैनल द्वारा संदिग्ध परिस्थितियों में मिले सियार के शव का पोस्टमार्टम किया गया जिसमें सियार की हत्या ना मानकर एक्सीडेंटल हादसा बताया गया तथा उसके शरीर पर किसी भी गोली का कोई निशान नहीं मिला तथा उसके शरीर के अंदर कोई गोली नहीं पाई गई।
प्रभागीय निदेशक ने कहा कि वह फिर भी स्वयं मामले की जांच कर रहे हैं जो भी दोषी होगा वह बच नहीं पाएगा,।
इस बाबत पशु प्रेमी संजीव कुमार पुत्र राम किशोर के द्वारा थाना पुलिस को बन दरोगा विजय कुमार पर प्रतिबंधित पशु का शिकार करने के लगाए गए आरोप पैनल की आई रिपोर्ट के बाद बेबुनियाद पाए गए।
अब देखना है की प्रभागीय निदेशक द्वारा एक षड्यंत्र के तहत बन दरोगा विजय कुमार को फंसाए जाने के लिए रचे गए कुचक्र में कौन-कौन फंसता है और कौन-कौन बाहर निकल जाता है बारहाल जिस किसी ने भी यह षड्यंत्र रचना का प्रयास किया वह कच्चा खिलाड़ी निकाला उसका षड्यंत्र रचना कच्चे खिलाड़ी को कहीं भारी न पड़ जाए ऐसी संभावनाओं को बल मिलता जा रहा है। किसी ने ठीक ही कहा है की कभी-कभी दूसरों को फसांने के जाल में आदमी स्वयं भी फंस जाता है।

*मुकीम अहमद अंसारी ब्यूरो चीफ एसएम न्युज 24 टाइम्स बदायूं*

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