बदायूं। सरकारी धनराशि गबन करने के आरोप में तत्कालीन डीपीआरओ श्रेया मिश्रा सहित चार लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करने का आदेश सीजेएम मोहम्मद तौसीफ रजा ने फैजगंज बेहटा के थानाध्यक्ष को दिए हैं।
पिसनहरी गांव की ग्राम पंचायत सदस्य रेनू यादव ने सीजेएम न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था।उन्होंने बताया था कि 2022 में गांव की प्रधान ओमवती के कार्यों की एक कमेटी द्वारा जांच कराई गई थी, जांच में पाया गया कि प्रधान ने 56 हजार रुपये का अनाधिकृत भुगतान किया है।इसके अलावा मजदूरों के 1.56 लाख रुपये उनको न देकर प्रधान के पति ऋषिपाल सिंह के खाते में डाल दिए गए। आरोप लगाया गया कि तत्कालीन डीपीआरओ व सचिव समेत इन लोगों ने मिलकर भुगतान बाउचर डिटेल में हेराफेरी कर फर्जी बाउचर लगाए हैं।
जिला विकास अधिकारी के 23 अक्टूबर 2023 के पत्र में भी इस बात का जिक्र है कि प्रधान व उसके पति ने 1.56 लाख रुपये निकाले थे। सीजेएम ने गबन के इस मामले को गंभीर अपराध मानते हुए थानाध्यक्ष को प्रधान ओमवती, प्रधान के पति ऋषिपाल सिंह, डीपीआरओ श्रेया मिश्रा व सचिव स्वर्णकेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
*गबन के आरोपी सचिव को ही डीपीआरओ ने दे दी थी जांच:-* प्रधान व उसके पति द्वारा किए गए घोटाल की शिकायत तत्कालीन डीपीआरओ श्रेया मिश्रा से 2022 में की गई थी। तब डीपीआरओ ने कार्रवाई के बजाय गबन में आरोपित सचिव को ही जांच दे दी। जिसके बाद फर्जी बिल लगाकर फाइलों में काम को ठीक दिखा दिया गया।
*मुकीम अहमद अंसारी ब्यूरो चीफ एसएम न्युज 24 टाइम्स बदायूं*