बेटी रिद्धिमा के बिना हुआ ऋषि कपूर का अंतिम संस्कार, लाकडाउन के कारण विधि जल्दी संपन्न हुई

प्रधान संपादक आलीमा शमीम अंसारी

अंतिम संस्कार कार्यक्रम में परिजनों और करीबियों सहित 24 लोग मौजूद रहे

मुंबई । बॉलिवुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर का गुरुवार सुबह निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार चंदनवाड़ी श्मशान घाट पर हुआ है। लॉकडाउन के कारण विधि जल्दी संपन्न कर दी गई। इस दौरान ऋषि के परिजनों और करीबियों सहित 24 लोग मौजूद रहे। उनकी बेटी रिद्धिमा दिल्ली से नहीं आ सकी। ऋषि का दाह संस्कार इलेक्ट्रिक मशीन से हुआ है। ऋषि की बेटी रिद्धिमा की चार्टर्ड प्लेन से मुंबई आने के की तैयारी थी लेकिन डीजीसीए से परमिशन नहीं मिली। मुंबई पुलिस ने लॉकडाउन को देखकर गुरुवार को ही अंतिम संस्कार की परमिशन दी थी। 3 बजे तक अंतिम संस्कार होना था लेकिन रिद्धिमा के नहीं पहुंच सकी। पुलिस के और इंतजार ना कर दाह संस्कार शुरू दिया। अंतिम संस्कार की रस्में पूरी होने के बाद उनका दाह-संस्कार इलेक्ट्रिक मशीन से हुआ। श्मशान के अंदर एक कमरे में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया हुई।

अंतिम संस्कार में सिर्फ 24 लोगों के शामिल होने की इजाजत थी। अभिषेक बच्चन और 5 पुजारी वहां पहले से ही मौजूद थे। आदर जैन, आलिया भट्ट, सैफ अली खान भी वहां बाद में पहुंचे। नीतू कपूर, रणबीर कपूर, रीमा जैन, मनोज जैन, अरमान जैन, आदर जैन, अनीशा जैन, विमल पारेख, अयान मुखर्जी, राहुल रवैल, करीना कपूर,राजीव कपूर, रणधीर कपूर, नताशा नंदन, रोहित धवन, राहुल रवैल,सहित कुल 24 लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

श्मशान के ऋषि के फैंस भी जमा हो रहे हैं,जिन्हें पुलिस ने दूर किया है।श्मशान घाट के तीनों रास्तों पर पुलिस ने बेरीकेडिंग की है।सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए पुलिस को माइक पर अनाउंसमेंट भी करना पड़ा। वहीं श्मशान के आसपास रहने वाले लोगों को भी पुलिस ने घर से बाहर आने से मना कर दिया। लॉकडाउन के कारण र‍िद्ध‍िमा को पिता की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए दिल्‍ली सरकार ने प‍रमिशन लेनी पड़ी। घटना की गंभीरता को देखकर दिल्ली पुलिस ने रिद्धिमा कपूर सहित 5 लोगों के लिए मूवमेंट पास जारी किया है।
कपूर परिवार की ओर से सुबह एक बयान जारी किया गया था।बयान में कहा गया, ‘हमारे प्रिय ऋषि कपूर 2 साल ल्यूकेमिया से संघर्ष के बाद आज सुबह 8.45 पर हॉस्पिटल में शांति के साथ दुनिया छोड़ गए। डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ ने बताया कि वह आखिरी वक्त तक उनका मनोरंजन करते रहे थे। वह दो महाद्वीपों में इलाज के दौरान हमेशा खुश और जिंदगी को पूरी तरह से जीने के लिए उत्साहित रहे। परिवार, दोस्त, खाना और फिल्में ही उनका फोकस रहता और जो भी उनसे इस दौरान मिलता वो हैरान रह जाता कि कैसे उन्होंने बीमारी को उनकी जीवंतता को नहीं छीनने दिया। वह अपने फैंस के प्यार के आभारी थे जो कि पूरी दुनिया से उन्हें मिल रहा था। उनके जाने पर वे सब समझेंगे कि वह चाहते थे कि उन्हें मुस्कुराहट के साथ याद किया जाए न कि आंसुओं के साथ।

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