कोरोना के संबन्ध में पोम्पियो के बयानों में खुला विरोधाभास दिखाई देता हैः चीन
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चीन ने कहा है अमरीकी विदेशमंत्री, चीन को लक्ष्य बनाकर एक के बाद एक नया झूठ बोल रहे हैं।
चीन का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर वह कोरोना वायरस की तह तक जाने की कोशिश कर रहा है।चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चिनिंग ने गुरूवार को बीजिंग में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनका देश कोरोना वायरस के फैलाव के आरंभिक बिंदु को ढूंढने में डब्लूएचओ के प्रयासों का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की तह तक जाना चाहते हैं। चीन प्रवक्ता ने अमरीका, फ़्रांस और स्वीडन से मिलने वाले उन सिग्नेलस की ओर संकेत किया जो स्वयं ही इस ओर संकेत करते हैं कि कोरोना वायरस, चीन से आरंभ नहीं हुआ है। उनका कहना है कि जब वैज्ञानिक इस मामले में अभी तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सकेे हैं तो फिर अमरीकी विदेशमंत्री अपनी तरफ से यह नतीजा क्यों निकाल रहे हैं? उन्होंने कहा कि इस बात का सुबूत क्या है कि कोरना वायरस, वूहान की लैब से निकला है। अगर अमरीकी इस बारे में कोई प्रमाण पेश नहीं करते हैं तो हम यह मानकर चलेंगे कि वे कोई प्रमाण गढ़ने में लगे हुए हैं।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना था कि इस संबन्ध में अगर पर माइक पोम्पियो के वक्तव्यों को देखेंगे तो उनमें खुला विरोधाभास पाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह इसलिए है क्योंकि वे एक झूठ को छिपाने के लिए दूसरा झूठ बोल रहे हैं जिससे विरोधाभास पैदा हो रहा है। अमरीकी विदेशमंत्री ने चीन पर आरोप लगाया था कि उसने कोरोना वायरस के नमूने अपने पास छिपा कर रखे हैं जो वैकसीन बनाने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
ज्ञात रहे कि अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प और विदेशमंत्री माइक पोम्पियो दावा करते आ रहे हैं कि उनके पास इस बात के प्रमाण मौजूद हैं कि कोरोना वायरस, वूहान की लैब में तैयार किया गया किंतु इस बारे में दोनों में से किसी ने अभी तक कोई प्रमाण पेश नहीं किया है।