हवाई शक्ति में इजाफा, स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन वायुसेना में होगी शामिल

प्रधान संपादक आलीमा शमीम अंसारी

नई दिल्ली । देश की हवाई सेना की शक्ति में इजाफा होने वाला है, स्वदेशी विमान तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन वायुसेना आज शामिल होगी। इस स्क्वाड्रन का नाम फ्लाइंग बुलेट्स दिया गया है, जिसकी शुरुआत वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया करेंगे। आज इस कार्यक्रम का आयोजन तमिलनाडु के कोयम्बटूर के पास सुलूर एयरफोर्स स्टेशन पर किया जाएगा। यह स्क्वाड्रन एलसीए तेजस विमान से लैस होगी। तेजस को उड़ाने वाली वायुसेना की यह दूसरी स्क्वाड्रन होगी। गौरतलब है कि एयरफोर्स स्क्वाड्रन 18 की शुरुआत 1965 को आदर्श वाक्य ‘तीव्र और निर्भय’ के साथ हुई थी। यह स्क्वाड्रन 15 अप्रैल 2016 से पहले मिग27 विमान उड़ा रही थी। स्क्वाड्रन को इस साल 1 अप्रैल को सुलूर में फिर से शुरू किया गया था।

अगर लड़ाकू विमान तेजस की बात करें तो ये एक चौथी पीढ़ी का हल्का विमान है। इसकी तुलना अपने जेनरेशन के सभी फाइटर जेट्स में सबसे हल्के विमान के तौर पर होती है। स्क्वाड्रन की कमी से जूझ रही वायुसेना को इसी साल 36 रफाल लड़ाकू विमानों की पहली खेप फ्रांस से मिलने जा रही है। इस बीच तेजस की एक नई स्क्वाड्रन का शामिल होना राहत भरी खबर है। गौरतलब है कि वायुसेना में तेजस की नई स्क्वाड्रन की एंट्री तब हो रही है, भारत की चीन और नेपाल के साथ तनातनी जारी है। बीते दिनों लद्दाख में चीन और भारत के सैनिक आमने-सामने आ गए, जिसके बाद से ही बॉर्डर पर जवानों की संख्या बढ़ाई गई है। इसके अलावा भारत ने भी अपनी क्षमता को उस इलाके में बढ़ाया है।

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