सत्ता पक्ष की जी हुजूरी कर रहे हैं व्यापार मंडल के पदाधिकारी एसएम न्यूज़ की खबर का असर जिले के व्यापार मंडल में मचा घमासान एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी

मोइद अहमद सिटी रिपोर्टर बाराबंकी

बाराबंकी। सत्ता की मलाई चाटने के चक्कर में व्यापारिक संगठन नहीं सुन रहे हैं छोटे व्यापारियों की दास्तां। बड़े-बड़े व्यापारी नेता के चक्कर में फंस गए हैं फुटकर व्यापारी । सत्ता की धमक व पैसों की खनक को लेकर मचा जिले के व्यापार मंडल में घमासान अब जारी हुआ आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर के कई व्यापार मंडल के पदाधिकारी जो बड़े-बड़े पद धारण किए हुए हैं किंतु जब बात आती है व्यापारियों की तो शिथिल हो जाते हैं सत्ता का नशा जब चढ़ जाता है तब पदाधिकारियों को सही गलत का फैसला करने में काफी कठिनाई होती है । केवल अपनी साख बचाने के चक्कर में छोटे-छोटे पदाधिकारियों को बनाया जाता है बलि का बकरा।
बाराबंकी जनपद के मनोज जयसवाल निवर्तमान जिला अध्यक्ष ने जिले के एक मठाधीश की प्रताड़ना से तंग आकर त्यागपत्र दे दिया । उन्होंने बताया कि जनपद में कुछ मठाधीशों ने सत्ता पक्ष से मिल कर सिर्फ़ अपने फायदे के लिए बड़े बड़े पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और छोटे छोटे व्यापारियों की मदद नहीं कर रहे हैं संगठन को अपनी निजी संपत्ति बना कर प्रशासन में हनक जमा कर सिर्फ धन अर्जित कर रहे हैं।

वहीं दूसरी तरफ जनपद बाराबंकी के व्यापारी नेता प्रदीप जैन ने भी विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि कुछ पदाधिकारी पिछले 2 वर्षों से सक्रिय नहीं रहे हैं और आज तक अपनी टीम नहीं बना पाए हैं। इसलिए उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाता है। गौर करने वाली बात यह है कि जिलाध्यक्ष 2 वर्ष तक कोई कार्य नहीं कर रहे थे तो उनको 2 वर्ष तक क्यों पद पर बनाए रखा जबकि वास्तविकता यह है कि जब व्यापारियों की समस्या को लेकर एसएम न्यूज़ ने खबर प्रकाशित किया तब बड़े-बड़े नेताओं की किरकिरी होने लगी और उन्होंने देखा कि कहीं सत्ता की मलाई हाथों से निकल ना जाए इसलिए अपनी नाकामी का ठीकरा दूसरे के सिर पर फोड़ दिया जाए। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जब तक व्यापार मंडल का चुनाव निर्वाचन द्वारा नहीं होगा तब तक पहुंच व पैसे वाले ही पदाधिकारी बनते रहेंगे और व्यापारी इसी तरह पिसता रहेगा। कई पदाधिकारी पद पाकर सिर्फ सत्ता की दलाली करते नजर आ रहे हैं और अगर सजातीय व्यापारी के साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो तुरंत वह जाग जाते हैं और छोटे छोटे व्यापारियों को ढाल बनाकर व्यापारी एकता जिंदाबाद के नारे लगाते हैं यहां तक बाजार भी बंद करवा देते हैं जबकि व्यापार मंडल को सत्ता की धमक से दूर रहना चाहिये।
अब देखना है कि आने वाले दिनों में व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का निर्वाचन होगा या इसी तरह पहुंच व खनक के बल पर पदाधिकारी नियुक्त होते रहेंगे यह तो आम व्यापारी ही तय करेगा कि उसका नेता कैसा हो जो संगठन को मजबूत करने वाला हो या मजबूर करने वाला हो। जारी आरोप-प्रत्यारोप के बीच जनपद में निष्क्रिय और भी व्यापारिक संगठन हैं किंतु वह अभी मौन धारण किए हुए हैं वह सिर्फ यह देख रहे हैं जब एक संगठन का यह हाल है तो दूसरे का क्या होगा। वर्तमान समय में एक निर्भीक एवं निष्पक्ष युवा नेता की आवश्यकता है जो व्यापारियों का सही मार्गदर्शन कर सके और व्यापारियों को हो रही समस्या का समाधान आसानी से कर सकें।

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