शुद्ध इस्लामी विचारों को बचाने वाले इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शहादत दिवस पर पूरा ईरान ग़म में
समाचार एजेंसी न्यूज़ एसएम न्यूज़ के साथ
पैग़म्बरे इस्लाम के छठे उत्तराधिकारी इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शहादत दिवस पर पूरा ईरान शोक मना रहा है।
इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम 25 शव्वाल सन 148 हिजरी क़मरी को अब्बासी शासक मंसूर के आदेश पर ज़हर से शहीद हुए और पवित्र नगर मदीना के मशहूर क़ब्रस्तान जन्नतुल बक़ी में आपकी क़ब्र मौजूद है। इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने अपनी ज़िंदगी में वैज्ञानिक व सांस्कृतिक आंदोलन शुरू किया और उसकी जड़ों को मज़बूत किया। इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के दौर में शुद्ध इस्लामी विचारों को इस्लाम विरोधी विचारों का सामना था। इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने अपने वैज्ञानिक आंदोलन से इस्लाम विरोधी विचारों को फैलने से रोका और शुद्ध इस्लामी विचारों पर आधारित शिया मत क़ायम किया।
इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने शिया मत क़ायम करने की राह में बहुत कठिनाइयाँ उठाईं यहाँ तक कि शुद्ध इस्लाम और धार्मिक तार्किकता की बुनियाद पर बहुत बड़ा आंदोलन शुरू किया। इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने तर्क के आधार पर शास्त्रार्थ व बातचीत और धार्मिक गुत्थियों के तर्कपूर्ण जवाब के ज़रिए शिया मत के क़ायम होने में मुख्य रूप से योगदान दिया।मुसलमानों में हनफ़ी मत और मालेकी मत के संस्थापक अबू हनीफ़ा और मालिक बिन अनस इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के स्टूडेंट थे।इस अवसर पर ईरान ब्रॉडकास्टिंग सभी मुसलमानों को हार्दिक संवेदना पेश करता है।