50 लाख साल पुराने विलुप्त हाथी का जीवाश्म मिला

प्रधान संपादक आलीमा शमीम अंसारी

सहारनपुर। सहारनपुर में 50 लाख साल पुराना स्टेगोडॉन प्रजाति के हाथी का जीवाश्म मिला है। इस प्रजाति के हाथी विलुप्त हो चुके हैं। शिवालिक वन प्रभाग के सहारनपुर वन क्षेत्र में सर्वेक्षण के दौरान यह सफलता मिली है। जीवाश्म के अध्ययन के बाद वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह जीवाश्म हाथी का जबड़ा है और ये 50 लाख वर्ष से अधिक पुराना तथा स्टेगोडॉन प्रजाति के हाथी का है।

सहारनपुर जनपद के अंतर्गत शिवालिक वन प्रभाग सहारनपुर का वनक्षेत्र 33229 हेक्टेयर है। 6 माह से इसमें वन्य जीवों की गणना का कार्य चल रहा है। इसके लिए विभिन्न स्थानों पर कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं। सर्वेक्षण के दौरान एक हाथी का जीवाश्म मिला। सर्वेक्षण टीम में सहारनपुर वृत्त के मुख्य वन संरक्षक वीके जैन, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया देहरादून के डॉ. आईपी बोपन्ना और देववृत पंवार शामिल रहे। मुख्य वन संरक्षक वीके जैन ने बताया कि टीम को यह जीवाश्म बादशाही बाग रौ के डाठा सौत के किनारे मिला, जो बादशाही बाग रेंज से मात्र 3.4 किलोमीटर की दूर है। प्राप्त जीवाश्म हाथी के दाएं जबे का है जो उत्तर भारत में पहली बार देखा गया है। इसका अध्ययन वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून के वैज्ञानिकों से कराया गया। संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. आर के सहगल एवं सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉ. एसी नंदा द्वारा शिवालिक रेंज में पाए जाने वाले विभिन्न जीवाश्म पर अध्ययन किया गया।

जारी हो चुका है डाक टिकट
भारत सरकार तो स्टेगोडॉन हाथी पर 2 आने का सेंचुरी टिकट भी जारी कर चुकी है। नेपाल ने भी इस पर 2015 में 10 रुपए का डाक टिकट जारी किया था। स्टेगोडॉन हाथी पर 13 जनवरी 1951 को भारतीय भूविज्ञानी सर्वेक्षण शताब्दी के स्मरणोत्सव पर भारतीय डाक टिकट जारी किया गया था, जिसमें स्टेगोडॉन गणेश के 2 व्यक्तियों को दिखाया गया था। डाक टिकट हेनरी फेयरफील्ड ओसब्रोन द्वारा प्रोबोशिडिया में प्रकाशित तस्वीर पर आधारित है।

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