पसमांदा मुस्लिम समाज को चुनाव में खड़े रहने का अधिकार दिया जाये: वसीम राईन ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के प्रदेश अध्यक्ष वसीम राईन ने कही बात

जिला ब्यूरो सगीर अमान उल्ला बाराबंकी

जिला ब्यूरो सगीर अमान उल्ला बाराबंकी
बाराबंकी। मुसलमानों की मजहबी और राजनीतिक लीडरों ने भी  कोई नोटिस नही आर्टिकल 341 के तहत पार्लियामेंट से पंचायत समिति तक लाखों सीटें ऐसी हैं जहां मुसलमान को सिर्फ वोट देने का अधिकार है चुनाव लड़ने का नहीं है। उक्त विचार ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के प्रदेश अध्यक्ष वसीम राईन ने व्यक्त किये श्री राईन ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के मंजूर किये गए आर्टिकल 341 के आर्डर को वापिस लिया जाये और संविधान के मंजूरशुदा पसमांदा मुस्लिम समाज को चुनाव में खड़े रहने का अधिकार दिया जाये हुकुमत की जानिब से सरकारी तंत्र की मिली जुली पावर कमेटी तय होना चाहिए और आबादी के अनुपात मुस्लिमों को चुनाव में टिकट दिया जाये जिसमे संविधान के मंजूरशुदा पसमांदा मुस्लिम समाज की हिस्सेदारी हो। हिन्दू समाज मे दलित व अति दलित हैं, उसी तरह संविधान के मंजूरशुदा मुस्लिम समाज में जो शोषित व वंचित है उन्हें भी अनसूचित जाति में शामिल किया जाये। हिन्दू मोची, धोबी को पिछड़ी जाति से जोड़ा गया है और उसी तरह संविधान के मंजूरशुदा मुसलमान भी पिछड़ा है।

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