ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन के लिए विशेष प्लेटफॉर्म लॉन्च करेंगे पीएम मोदी

नई दिल्ली । ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन और कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक नए खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ प्लेटफॉर्म की शुरुआत करेंगे।ऐसा माना जा रहा है कि पीएम मोदी के नए प्रोग्राम का मुख्य फोकस इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स यानी व्यक्तिगत आयकरदाताओं पर होगा। इसमें ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद की जा रही है ।पिछले 3-4 हफ्तों में प्रधानमंत्री कार्यालय की देश के टैक्स अधिकारियों से कई दौर की बैठकों में फेसलेस अससेमेंट और पारदर्शिता आदि को लेकर चर्चा हुई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में कहा था कि फेसलेस असेसमेंट और अन्य कदमों से करदाताओं की परेशानी कम होगी ​और टैक्स व्यवस्था सरल होगी। गौरतलब है कि देश की कई संस्थाएं इनकम टैक्स व्यवस्था को खत्म करने या ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित करने की मांग करती रही हैं। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी तो इनकम टैक्स को खत्म कर देने की ही बात करते रहे हैं। तमाम जानकार यह भी कहते हैं कि भारत में इनकम टैक्स देने वाले को कोई प्रोत्साहन नहीं है बल्कि उसे प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है।कई एक्सपर्ट यह मांग करते रहे हैं कि टैक्सपेयर्स को उसी तरह से कुछ खास सुविधाएं देनी चाहिए जैसे कि कई विकसित देशों में मिलती हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी यह सोच रही है कि ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित करना चाहिए। उनका मानना है कि ऐसे टैक्सपेयर्स की कड़ी मेहनत से ही देश तरक्की कर रहा है।प्रधानमंत्री मोदी ने खुद ट्वीट कर बुधवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ प्लेटफॉर्म की शुरुआत होगी। यह कर प्रणाली में सुधार और सरलीकरण की दिशा में हमारे प्रयासों को मजबूत करेगा। इससे बहुत से ईमानदार टैक्सपेयर्स को फायदा होगा जिनके कड़े परिश्रम की वजह से देश प्रगति कर रहा है। पिछले कुछ वर्षो में आयकर विभाग ने खासकर व्यक्तिगत आयकरदाताओं की मुश्किलें कम करने के लिए कई तरह के उपाय किये हैं। करदाताओं के लिए अनुपालन को ज्‍यादा आसान करने के लिए आयकर विभाग अब ‘पहले से ही भरे हुए’ आयकर रिटर्न फॉर्म प्रस्‍तुत करने लगा है, ताकि व्यक्तिगत करदाताओं के लिए अनुपालन को और भी अधिक सुविधाजनक बनाया जा सके।लंबित कर विवादों का समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से आयकर विभाग ने प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम भी प्रस्‍तुत किया है जिसके तहत वर्तमान में विवादों को निपटाने के लिए घोषणाएं दाखिल की जा रही हैं। करदाताओं की शिकायतों या मुकदमों में प्रभावकारी रूप से कमी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न अपीलीय न्यायालयों में विभागीय अपील दाखिल करने के लिए आरंभिक मौद्रिक सीमाएं भी बढ़ा दी गई हैं। इसी तरह, डिजिटल लेन-देन और भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक तरीकों को बढ़ावा देने के लिए भी कई उपाय किए गए हैं। यही नहीं, आयकर विभाग ने कोविड काल में करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाने के लिए भी अनेक तरह के प्रयास किए हैं। इसके तहत रिटर्न दाखिल करने के लिए वैधानिक समयसीमा बढ़ा दी गई है और करदाताओं के हाथों में नकदी प्रवाह बढ़ाने के लिए तेजी से रिफंड जारी किए गए हैं।

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