प्रणब दा का निधन भारतीय राजनीति में एक युग का अंत: राजनाथ शर्मा
मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)
बाराबंकी। भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न स्व. प्रणब मुखर्जी, पूर्व मंत्री सोहन त्यागी, उर्दू अकादमी के पूर्व सचिव आफताब आलम और समाजसेवी मंगल सैन मलिक के निधन पर गाँधी भवन में गुरुवार को एक शोक सभा का आयोजन किया गया। गाँधी जयंती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने शोक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रणब दा का निधन भारतीय राजनीति में एक युग का अंत है। प्रणव दा उन गिने-चुने राजनीतिज्ञों में थे जिनका तमाम वैचारिक मतभेद के बावजूद सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से मधुर संबंध रहे। वे राजनीति के परस्पर विरोधी दलों के बीच हमेशा एक पुल का कार्य किया करते थे। देश के प्रति उनका योगदान एवं उपलब्धियां अनुकरणीय है। उनके निधन से हुई रिक्तता को पाटा नहीं जा सकता है। श्री शर्मा ने बताया कि उर्दू अकादमी के पूर्व सचिव आफताब आलम अदब में ही नहीं, अपने जीवन में भी वे तरक्की पसंद-जम्हूरियत पसंद उसूलों के बड़े पक्के थे। इसी वजह से लखनऊ ही नही बाराबंकी सहित पूरे सूबे में उनकी बहुत इज्जत थी। हिन्दू और मुस्लिम, दोनों समुदायों में उनकी व्यापक स्वीकार्यता थी। वहीं सोहन त्यागी श्रमिक आंदोलन से जुड़े नेता थे। वह जॉर्ज फर्नांडीस, चैधरी चरण सिंह, मुलायम सिंह सरीखे नेताओं के प्रिय थे। उनके निधन से समाजवादी आंदोलन और मजदूर आंदोलन को भारी क्षति हुई है। जिनके निधन पर सुप्रीमकोर्ट अधिवक्ता एस एस नेहरा, मजदूर नेता गिरीश पांडेय ने शोक व्यक्त किया है। जॉर्ज फर्नांडिस के सहयोगी बी.एस मलिक के पिताजी मंगल सैन मलिक जोकि एक कुशल प्रगतिशील किसान एवं समाजसेवी थे। उनके निधन से गाँधी जयंती समारोह ट्रस्ट परिवार शोकाकुल है। शोक सभा में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। शोक सभा में विनय कुमार सिंह, मृत्युंजय शर्मा, पीके सिंह, सत्यवान वर्मा, रवि प्रताप सिंह, विजय कुमार सिंह, पाटेश्वरी प्रसाद, अशोक जायसवाल, नीरज दुबे, ज्ञान शंकर तिवारी परस्पर सामाजिक दूरी को बनाते हुए उपस्थित थे।
मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी (एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)